कौशल विकास में देश के युवाओं के लिए मार्गदर्शक बनेंगे छत्तीसगढ़ के युवा : डॉ. रमन सिंह
रायपुर 15 जुलाई (आरएनएस)। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा है कि छत्तीसगढ़ के युवा हुनरमंद बनकर कौशल विकास के मामले में पूरे देश के युवाओं के लिए मार्गदर्शक बनेंगे। उन्होंने कहा-अगर एक बार कोई किसी न किसी व्यवसाय में कौशल प्रशिक्षित होकर हुनरमंद बन जाये तो जिंदगी भर के लिए उसके हाथों में हुनर का जादू बरकरार रहता है।
डॉ. सिंह आज दोपहर राजधानी रायपुर में विश्व युवा कौशल दिवस के अवसर पर छत्तीसगढ़ राज्य कौशल विकास प्राधिकरण द्वारा आयोजित समारोह को मुख्य अतिथि की आसंदी से सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने समारोह में छत्तीसगढ़़ कौशल ओलंपियाड 2018 की विभिन्न प्रतियोगिताओं में विभिन्न संभागों के विजयी युवाओं को पुरस्कृत भी किया। तकनीकी शिक्षा और तकनीकी विकास मंत्री श्री प्रेमप्रकाश पांडेय ने समारोह में बताया कि राज्य में यह दूसरा वर्ष है, जब विभिन्न जिलों में कौशल उन्नयन का प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे युवाओं के लिए कौशल ओलंपियाड का आयोजन किया गया। इस बार विकासखण्ड स्तर से शुरू करके जिला और संभाग स्तर पर इन प्रतियोगिताओं में 12 ट्रेडों में प्रथम, द्वितीय और तृतीय पुरस्कारों के लिए युवाओं का चयन किया गया। इसमें प्रथम पुरस्कार के रूप में 25 हजार रूपये, द्वितीय पुरस्कार में 20 हजार और तृतीय पुरस्कार में 15 हजार रूपये के चेक के साथ प्रशस्ति पत्र भी दिए गये। समारोह में कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल, लोक निर्माण मंत्री राजेश मूणत और विधायक श्रीचंद सुंदरानी भी मौजूद थे।
मुख्य अतिथि की आसंदी से समारोह को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा-प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की सोच के अनुरूप कुशल भारत (स्किल्ड इंडिया) का सपना साकार करने में छत्तीसगढ़ के लाखों युवा कौशल प्रशिक्षण प्राप्त करते हुए अपनी महत्वपूर्ण भागीदारी निभा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा-छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है, जिसने अपने युवाओं को मनपसंद व्यवसायों का प्रशिक्षण दिलाने के लिए कौशल विकास का कानूनी अधिकार दिया है। डॉ. सिंह ने कहा-मुझे वह दिन आज भी याद है वर्ष 2014 में दंतेवाड़ा में लाईवलीहुड कॉलेज के रूप में इसकी शुरूआत हुई थी। डॉ. रमन सिंह ने कहा-आज की दुनिया में जापान, चीन और कोरिया सहित सभी उन्नतशील देश इसलिए उन्नति कर रहे हैं क्योकि वहां की 80 प्रतिशत अथवा 90 प्रतिशत जनता जनता स्वयं विभिन्न कार्यों में हुनरमंद अथवा स्किल्ड है। हर व्यक्ति में अपने वर्तमान कार्य के साथ-साथ किसी न किसी अन्य सृजनात्मक कार्य की प्रतिभा और क्षमता छुपी होती है। कौशल उन्नयन का प्रशिक्षण लेकर वह अपनी इस प्रतिभा को उभार सकता है।
डॉ. रमन सिंह ने कहा आज छत्तीसगढ़ के सभी 27 जिलों में लाईवलीहुड कॉलेज चल रहे हैं। इनके अलावा लगभग 1300 पंजीकृत निजी प्रशिक्षण प्रदाता भी कार्यरत हैं, जहां अल्प अवधि के विभिन्न प्रशिक्षण युवाओं को दिए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा-छत्तीसगढ़ में लगभग 4 लाख 80 हजार सिंचाई पम्प हैं, लाखों हैण्डपम्प हैं, हर साल हजारों की संख्या में टूव्हीलर और फोरव्हीलर गाडिय़ा सड़कों पर आ रही हैं। इन सभी की मरम्मत के लिए हमारे यहां कुशल मैकेनिकों की संख्या काफी कम है, कौशल प्रशिक्षण के जरिये सरकार युवाओं को अवसर देकर पम्प मैकेनिक और गाडिय़ों के मैकेनिकों की संख्या बढ़ाने का प्रयास कर रही है।
इस अवसर पर प्रदेश के तकनीकी शिक्षा और कौशल विकास मंत्री श्री प्रेमप्रकाश पांडेय ने कहा कि समाज में आज दिमाग और हाथ से काम करने वालों को अलग-अलग नजरिये से नहीं बल्कि बराबरी के साथ सम्मान की दृष्टि से देखा जाना चाहिये। श्री पांडेय ने कहा-एक जमाना था जब देश में नौकरियों को डिग्री से जोडऩे की परम्परा नहीं थी, तब रोजगार की वैसी समस्या नहीं होती थी, क्योंकि हाथों से काम करने वाले कुशल लोगों की संख्या ज्यादा थी और वे अपने हाथों से निर्मित वस्तुओं का अच्छा करोबार कर लेते थे। श्री पांडेय ने कहा- आज छत्तीसगढ़ न सिर्फ देश का पहला, बल्कि दुनिया का दूसरा ऐसा राज्य है जिसने वर्ष 2013 में मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व में विधानसभा में कानून बनाकर अपने युवाओं को कौशल विकास का अधिकार दिया है।