कोरोना की चुनौतियों के बावजूद छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी दर मात्र 3 प्रतिशत
रायपुर, 26 मई (आरएनएस)। कोरोना संक्रमण की चुनौतियों और लॉकडाउन के बावजूद छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी दर को लगातार नियंत्रित रखने में सफलता मिली है। सेंटर फ ॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआई) द्वारा 24 मई 2021 को जारी किए गए ताजा आंकड़ों के मुताबिक छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी की दर 3 प्रतिशत दर्ज की गई है, जो राष्ट्रीय दर 10.8 प्रतिशत से काफी कम है। इसके पहले माह नवंबर 2020 में छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी दर 3.5 प्रतिशत दर्ज की गई थी। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआई) द्वारा जारी किए गए ताजा आंकड़ों के मुताबिक छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी दर का आंकड़ा हरियाणा, गोवा, दिल्ली, झारखंड, राजस्थान, बिहार, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, आंध्रप्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब, तेलंगाना, उत्तरप्रदेश, उत्तराखण्ड, पश्चिम बंगाल, केरल, त्रिपुरा की तुलना में काफी कम है।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य के कम प्रभावित ग्रामीण क्षेत्रों में मांग आने पर कोरोना की गाइडलाइन का पालन करते हुए महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के अंतर्गत कार्य मंजूर किए गए। वनांचलों में वनोपजों और तेंदूपत्ता संग्रहण का कार्य भी किया जा रहा है। लघु-वनोपजों की कीमतों में बढ़ोतरी के साथ-साथ समर्थन मूल्य पर खरीदे जाने वाले लघु-वनोपजों की संख्या 07 से बढ़ाकर 52 कर दी गई है। छत्तीसगढ़ में देश में संग्रहित लघु वनोपजों में से तीन-चौथाई से अधिक लगभग 75 प्रतिशत लघु वनोपजों का संग्रहण किया गया है। ट्राईफेड के आंकडों के अनुसार वित्तीय वर्ष 2020-21 के दौरान 23 मार्च तक देश में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 181 करोड़ 25 लाख रूपए की लघु वनोपजों की खरीदी की गई है, जिसमें छत्तीसगढ़ में 136 करोड़ 63 लाख रूपए की लघु वनोपजों की खरीदी की गई है। इसी तरह राज्य में अब तक लक्ष्य का दो-तिहाई से अधिक 11 लाख 44 हजार मानक बोरा तेंदूपत्ता संग्रहण किया गया है। प्रदेश में तेंदूपत्ता संग्रहण में लगभग 13 लाख परिवारों को रोजगार मिलता है। प्रदेश में तेंदूपत्ता संग्रहण की दर 2500 हजार रूपए से बढ़ाकर 4000 हजार रूपए की गई है।