रायपुर, 11 मार्च (आरएनएस)।

छत्तीसगढ़ का प्रयागराज कहे जाने वाले पवित्र त्रिवेणी संगम के तट पर 27 फरवरी से 11 मार्च तक आयोजित होने वाले राजिम माघी-पुन्नी मेला 2021 का भव्य समापन आज महाशिवरात्रि के अवसर पर शाम 7 बजे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की विशेष मौजूदगी में सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रदेश के धर्मस्व, पर्यटन, गृह, जेल, लोक निर्माण मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू ने की। समारोह में नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिव डहरिया, खनिज विकास निगम के अध्यक्ष श्री गिरीश देवांगन, गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष महंत रामसुन्दरदास महाराज, महंत गोवर्धन शरण महाराज, संत उमेशानंद महाराज, संत रविकर साहेब, ब्रम्हकुमारी पुष्पा बहन, ब्रम्हकुमारी हेमा बहन, संत विचार साहेब एवं विशिष्ट साधु-संतों की गरिमामयी मौजूदगी रही। अतिथियों ने भगवान श्री राजीव लोचन की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलित कर पूजा-अर्चना की। इसके पूर्व अतिथियों ने भगवान श्री राजीव लोचन और महानदी की आरती में शामिल होकर प्रदेश की खुशहाली और समृद्धि की कामना की।  इस अवसर पर उपस्थित जन समूह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि राजिम एक शहर नहीं बल्कि धर्म, अध्यात्म और संस्कृति का परिचय है। पहले इस मेले में हर काम अस्थायी होता था। अब यहां आवश्यक सुविधाओं की स्थायी व्यवस्था हो, इसकी शुरूआत की गई है। इसके लिए 54 एकड़ जमीन को धार्मिक एवं सामाजिक कार्य हेतु आरक्षित किया गया है। इसे विकसित करने के लिए पर्याप्त राशि का प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान श्रीराम ने अपने वनवास काल के दौरान सर्वाधिक समय छत्तीसगढ़ में व्यतीत किया। राजिम से लेकर शिवरीनारायण तक कमल क्षेत्र कहलाता है। उन्होंने राम वन गमन पथ को विकसित करने के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी और कहा कि धार्मिक एवं पर्यटन महत्ता स्थानों को विकसित किया जा रहा है।