बजट कोविड-19 के बाद के भारत के विजन के अनुरूप : सिंह

नई दिल्ली ,02 फरवरी (आरएनएस)। केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास, प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, जन शिकायत, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह ने केंद्रीय बजट के संबंध में मीडिया को दिए विभिन्न साक्षात्कारों में बजट को कोरोना महामारी के बाद के भारत के विजन के अनुरूप बताया है। उन्होंने कहा कि यद्यपि यह एक आर्थिक दस्तावेज है, लेकिन जो बजट प्रस्तुत किया गया है उसकी मूल भावना अर्थशास्त्र के क्षेत्र से परे जाकर मोदी के नेतृत्व वाले भारत के निर्माण की राह को प्रशस्त करने वाली है और इस भारत का विश्व राष्ट्रों के समुदाय के एक अग्रणी सदस्य के रूप में उभरना तय है।
विपक्ष के दुष्प्रचार और भ्रामक बयानों के विपरीत डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि बजट ने वास्तव में आलोचकों का मुंह बंद कर दिया है और अब वे केवल आलोचना की खातिर इसकी आलोचना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कई टिप्पणीकारों के अनुमानों के विपरीत कि बजट में आम आदमी पर अतिरिक्त बोझ या कर लगाया जाएगा,2021-22 का यह बजट वास्तव में कोविड-19 महामारी की समस्याओं से जूझ रहे देश के लिए एक राहत की तरह आया है।
डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि बजट द्वारा निर्धारित प्राथमिकताएं दुनिया के अन्य देशों के अनुसरण के लिए दिशा दिखाने का काम करेंगी। उदाहरण के तौर पर स्वास्थ्य क्षेत्र को उच्च प्राथमिकता दिया जाना न केवल अभूतपूर्व है बल्कि इससे देश को अपने बलबूते पर आगे बढऩे और कोरोना वैक्सीन जैसा महान उपक्रम कर अन्य देशों से आगे रहने का आत्मविश्वास पैदा होगा और यह भरोसा जागेगा कि ऐसी सरकार के पास देश का नेतृत्व है जो स्वास्थ्य, बचाव संबंधी स्वास्थ्य देखभाल और तंदुरुस्ती के महत्व को अच्छी तरह से समझती है।
बजट के कुछ कम चर्चित पहलुओं का उल्लेख करते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि इसने देश के हर वर्ग को खुशी प्रदान की है। एक ओर युवाओं के लिए, स्टार्टअप को करों में छूट की अवधि 1 साल के लिए बढ़ाई गई है तो दूसरी ओर 75 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्ग पेंशनरों के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करने में छूट दी गई है।
जम्मू और कश्मीर के लिए गैस पाइपलाइन और लद्दाख के लिए विश्वविद्यालय का जिक्र करते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि यह भारत के दो नए केंद्र शासित क्षेत्रों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चिंता को दर्शाता है। उन्होंने पूर्वोत्तर में असम और पश्चिम बंगाल के चाय बागानों के श्रमिकों के लिए दी गई राहत को भी उल्लेखनीय बताया।
प्रधानमंत्री मोदी के आत्मनिर्भर भारत के उद्देश्य को आगे बढ़ातेहुए इसरो द्वारा इस वर्ष दिसंबर में गगनयान छोड़े जाने के उल्लेख का भी डॉ. जितेंद्र सिंह ने स्वागत किया।
00

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Translate »