पीएम मोदी ने बालासाहेब विखे पाटिल की आत्मकथा का किया विमोचन
नई दिल्ली,13 अक्टूबर (आरएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री बालासाहेब विखे पाटिल की आत्मकथा का विमोचन किया और कृषि व सहकारिता के क्षेत्र में उनके योगदान की सराहना करते हुए कहा कि उनकी सरकार आज किसानों को अन्नदाता की भूमिका से आगे ले जाकर ‘उद्यमीÓ बनाने की ओर प्रयास कर रही है। यहां मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए आयोजित इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने’प्रवर रूरल एजुकेशन सोसाइटीÓ का नाम बदलकर लोकनेते डॉ बालासाहेब विखे पाटिल प्रवर रूरल एजुकेशन सोसाइटी भी रखा। इस कार्यक्रम में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और पूर्व मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस सहित विखे पाटिल परिवार के सदस्य भी शामिल हुए। इस अवसर पर अपने संबोधन में मोदी ने कहा कि गांव, गरीब, किसान का जीवन आसान बनाना, उनके दुख, उनकी तकलीफ कम करना, विखे पाटिल के जीवन का मूलमंत्र रहा। मोदी ने कहा कि उन्होंने सत्ता और राजनीति के जरिए हमेशा समाज की भलाई का प्रयास किया। उन्होंने हमेशा इसी बात पर बल दिया कि राजनीति को समाज के सार्थक बदलाव का माध्यम कैसे बनाया जाए, गांव और गरीब की समस्याओं का समाधान कैसे हो। पाटिल कई बार लोकसभा के सदस्य रहे और 2016 में 84 साल की उम्र में उनका निधन हो गया था। पूर्व की सरकारों पर हमला बोलते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आजादी के बाद एक ऐसा भी दौर आया जब देश के पास पेट भरने को भी पर्याप्त नहीं था और उस दौर में सरकारों का पूरा जोर उत्पादन बढ़ाने पर रहा।
सरकार का किसानों की चिंता
उन्होंने कहा कि उत्पादकता की चिंता में सरकारों का ध्यान किसानों के फायदे की ओर गया ही नहीं। उसकी आमदनी लोग भूल ही गए। लेकिन पहली बार इस सोच को बदला गया है। देश ने पहली बार किसान की आय की चिंता की है और उसकी आय बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि चाहे वह न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को लागू करने की बात हो या उसे बढ़ाने का फैसला, यूरिया की नीम कोटिंग हो या बेहतर फसल बीमा, सरकार ने किसानों की हर छोटी-छोटी परेशानियों को दूर करने की कोशिश की है। उन्होंने कहा कि आज खेती को, किसान को अन्नदाता की भूमिका से आगे बढ़ाते हुए, उसको उद्यमी बनाने की तरफ ले जाने के लिए अवसर तैयार किए जा रहे हैं। कोल्ड चैन, मेगा फ़ूड पार्क और एग्रो प्रोसेसिंग इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी अभूतपूर्व काम हुआ है। गांव के हाटों से लेकर बड़ी मंडियों के आधुनिकीकरण से भी किसानों को लाभ होने वाला है। मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत महाराष्ट्र में बरसों से लटकी 26 परियोजनाओं को पूरा करने के लिए तेजी से काम किया गया। उन्होंने कहा कि इनमें से 9 योजनाएं अब तक पूरी हो चुकी हैं। इनके पूरा होने से करीब-करीब 5 लाख हेक्टेयर जमीन को सिंचाई की सुविधा मिली है। उल्लेखनीय है कि ‘प्रवर रूरल एजुकेशन सोसाइटीÓ की स्थापना 1964 में अहमदनगर जिले के लोनी में की गई थी। इसका मकसद ग्रामीण जनता को विश्व स्तरीय शिक्षा प्रदान करना और बालिकाओं को सशक्त बनाना था। यह संस्था छात्रों के शैक्षिक, सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक, शारीरिक और मनोवैज्ञानिक विकास के मुख्य मिशन के साथ काम कर रही है।
राजनाथ सिंह और नरेंद्र सिंह तोमर ने किसान नेताओं संग की बैठक
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने आज कृषि कानून को लेकर किसान नेताओं और विशेषज्ञों के साथ बैठक की। सोनीपत के अयुर्वेद रिसर्च फाउंडेशन के मोहनजी सक्सेना का कहना है कि, हरियाणा में, किसान कृषि कानूनों से वाकई खुश हैं क्योंकि ये कानून उनकी लंबे समय से लंबित मांग को पूरा करते हैं कि उन्हें देश भर में अपनी उपज को स्वतंत्र रूप से बेचने की अनुमति दी जानी चाहिए, जिस कीमत पर वे इसे बेचना चाहते हैं। राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ लिमिटेड के एमडी संजीव चड्ढा ने बताया कि ये अधिनियम किसानों को अपनी उपज कहीं भी बेचने की स्वतंत्रता देते हैं। वे इसे किसान मंडियों (एफपीओ) द्वारा स्थापित छोटी मंडियों में भी बेच सकते हैं और मंडी शुल्क का भुगतान किए बिना एक अच्छी दर प्राप्त कर सकते हैं।
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