राजनाथ सिंह ने तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ की बैठक

नई दिल्ली,22 अगस्त (आरएनएस)। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, सीडीएस जनरल बिपिन रावत और तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ बैठक की। इस दौरान उन्होंने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर स्थिति और सुरक्षा को लेकर चर्चा की।
सूत्रों के अनुसार चीन के साथ सीमा विवाद के बीच एलएसी पर स्थिति और सुरक्षा को लेकर केंद्र सरकार पूरी तरह सजग है। राजनाथ सिंह लगातार सैन्य अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे हैं। इसके अलावा सीमा पर तैनात जवानों की भी हौसला अफजाई की जा रही है। दो दिन पहले ही राजनाथ सिंह ने भारतीय नौसेना की जमकर तारीफ की थी। उन्होंने कहा था कि नौसेना की तैयारियों पर पूरा भरोसा है। भारतीय नौसेना किसी भी चुनौती का माकूल जवाब दे सकती है। नौसेना के शीर्ष कमांडरों के तीन दिवसीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा था कि भारतीय नौसेना ने प्रमुख और संवेदनशील स्थानों पर जहाजों और विमानों को तैनात कर समुद्री हितों की रक्षा के लिए मिशन-आधारित तैनाती को प्रभावी ढंग से पूरा किया है। उल्लेखनीय है कि सीमा विवाद के बाद चीन को स्पष्ट संदेश देने के लिए भारतीय नौसेना ने हिंद महासगार क्षेत्र के अग्रिम मोर्चों पर युद्धपोतों और पनडुब्बियों की तैनाती की है।
चीनी सेना गलवां घाटी और संघर्ष के कुछ स्थानों से पीछे हटी
गुरुवार को हुई बातचीत में भारतीय पक्ष द्वारा चीनी सैनिकों के जल्द पीछे हटने और पूर्वी लद्दाख के सभी इलाकों में पांच मई से पूर्व की स्थिति बहाल करने पर जोर दिया था। सेना से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, चीनी सेना गलवां घाटी और संघर्ष के कुछ स्थानों से पीछे हटी है लेकिन पेंगांग सो, गोग्रा और देपसांग के फिंगर इलाकों में सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ी है। गौरतलब है कि विदेश मंत्री एस जयशंकर ने 17 जून को अपने चीनी समकक्ष वांग यी के साथ टेलीफोन पर बातचीत की थी, जिसमें दोनों पक्षों ने सम्पूर्ण स्थिति से जिम्मेदार ढंग से निपटने पर सहमति व्यक्त की थी। वहीं, पांच जुलाई को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और चीन के विदेश मंत्री वांग यी द्वारा सीमा विवाद सुलझाने के रास्तों की तलाश के लिए करीब दो घंटे तक टेलीफोन पर बातचीत हुई थी। डोभाल और वांग सीमा वार्ता के लिए विशेष प्रतिनिधि हैं।
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