ईएनटी एवं डेंटिस्ट को अपने पीछे टेबल पर रखना होगा पंखा

0-देश में नाक, कान,गला व दंत चिकित्सकों के लिए दिशानिर्देश जारी
नई दिल्ली,12 जून (आरएनएस)। कोरोना के चलते दांतो का उपचार करने से पहले डॉक्टरों को विशेष सावधानी बरतने की हिदायत दी गई है। मरीज को देखने से पहले डॉक्टरों को अपने पीछे टेबल पर पंखा रखना होगा। जिसकी सीधी हवा मरीज तक नहीं पडऩी चाहिए। सीलिंग फैन का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा।
यह दिशानिर्देश स्वास्थ्य मंत्रालय ने नाक, कान और गला विशेषज्ञ के अलावा दांतो के डॉक्टरों को दिए हैं। ईएनटी और दातों के डॉक्टरों को सबसे ज्यादा अलर्ट रहने की हिदायत दी गई है।
दिशानिर्देशों के अनुसार, वेंटिलेशन का पूरा ख्याल रखा जाएगा। सीलिंग फैन की जगह डॉक्टर टेबल फैन का इस्तेमाल कर सकते हैं। क्लीनिक में हेपा फिल्टर और यूवीलाइट्स सिस्टम होना चाहिए जिससे कि साफ हवा अंदर आ सके। दिल्ली के सबसे बड़े मौलाना आजाद दंत चिकित्सा संस्थान के वरिष्ठ डॉक्टर सुनीता गुप्ता का कहना है कि घर से बाहर निकलने से लेकर अस्पताल में उपचार इत्यादि तक को लेकर एक नए सिस्टम के तहत काम करने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि सीलिंग फैन कोने-कोने में हवा फेंकता है। जबकि टेबल फैन का इस्तेमाल एक निश्चित जगह तक हवा पहुंचाने के लिए किया जाता है। वहीं एम्स के दंत विभाग के प्रमुख डॉ ओपी खरबंदा बताते हैं कि एयर सरकुलेशन को बनाए रखने के लिए क्लीनिक की खिड़कियां खुली हो और एग्जॉस्ट ब्लॉअर का इस्तेमाल किया जाए। इसका ध्यान डॉक्टर और मरीज दोनों को रखना है। यह दिशानिर्देश स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट या डेंटल काउंसलिंग ऑफ इंडिया की वेबसाइट पर भी हैं।
नाक और गले से ही फैलता है संक्रमण
दिल्ली एम्स के ही ईएनटी विशेषज्ञ डॉक्टर आलोक कुमार बताते हैं कि संक्रमण सबसे पहले नाक और गले में ही विकारों को फैलाता है। हर किसी को संदिग्ध मानकर ही बचाव किया जा सकता है। गले या मुंह में परेशानी होने पर डॉक्टर सीधे जोखिम में आ सकता है। इसलिए यह दिशानिर्देश ईएनटी और दातों के डॉक्टरों को अलग-अलग दिए गए हैं।
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