लॉकडाउन 5.0 में होंगी कुछ ही इलाकों में पाबंदियां: जावेड़कर

नई दिल्ली,30 मई (आरएनएस)। यह तो तय है कि लॉकडाउन 4.0 के बाद अब लॉकडाउन 5.0 भी होगा लेकिन इसमें पाबंदियों में कुछ और ज्यादा छूट मिलेगी या फिर सख्ती का दायरा यही रहेगा इन सवालों को लेकर तरह-तरह की लगाई जा रही अटकलों को लेकर केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने लॉकडाउन 5.0 की रूपरेखा को लेकर संकेत दे दिया है। उन्होंने कहा लॉकडाउन 5.0 तो होगा, लेकिन पाबंदियां काफी हद तक कम हो जाएंगी।
केंद्रीय मंत्री जावडेकर ने शनिवार को कहा कि लॉकडाउन 5.0 बिल्कुल साधारण होगा। उन्होंने कहा कि इसमें कुछ ही इलाकों में पाबंदियां लगाई जाएंगी। बाकी जन जीवन को खोल दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि मौजूदा परिस्थिति हमेशा नहीं रहेगी। लोगों को काफी हद तक छूट दे दी गई है और अब उम्मीद है कि सामान्य जीवन होगा।
लॉकडाउन बेहद जरूरी कदम
केंद्रीय मंत्री ने लॉकडाउन को बेहद जरूरी कदम बताते हुए कहा कि अगर देश में समय रहते ये फैसला नहीं लिया जाता है तो आज भारत में 50 लाख कोरोना के केस होते। लॉकडाउन के कारण आज भी हमारी जितनी जनसंख्या है, उसके हिसाब से बहुत कम केस सामने आ रहे हैं। उन्होंने कोरोना से मौतों के बारे में कहा कि पूरे विश्व में सबसे कम मौतें भारत में ही हुई हैं। हम उम्मीद करते हैं कि जल्द ही कोई वैक्सीन या दवा आए और सभी लोग पहले की ही तरह सामान्य जीवन जिएं।
कैसा हो सकता है लॉकडाउन 5.0 का स्वरूप
केंद्र सरकार एक नई गाइडलाइंस पर काम कर रही है, जिसके तहत 1 जून से देश के ज्यादातर हिस्सों से लॉकडाउन की पाबंदियां खत्म कर दी जाएंगी। अधिकारियों ने बताया कि देश के 13 शहरों को छोड़कर बाकी सभी हिस्सों से पाबंदियों को हटाया जा सकता है। होटलों, मॉल्स और रेस्ट्रॉन्ट्स को भी 1 जून से खोलने की इजाजत दी जा सकती है।
31 मई को जारी हो सकती हैं नई गाइडलाइंस
गुरुवार को राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात करने के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। इस दौरान दोनों नेताओं ने नई गाइडलाइंस को लेकर मंथन किया। 31 मई को अगले 15 दिनों के लिए देशभर में लागू किए जाने वाले दिशानिर्देशों को जारी किया जा सकता है।
इन 13 शहरों में पाबंदियां रह सकती हैं बरकरार
इन 13 शहरों- दिल्ली, मुंबई, चेन्नै, अहमदाबाद, ठाणे, पुणे, हैदराबाद, कोलकाता/हावड़ा, इंदौर, जयपुर, जोधपुर, चेंगलपट्टु और तिरुवलुर में पाबंदियों को आगे भी जारी रखा जा सकता है।
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