मुख्य न्यायाधीश बोबडे ने किया न्याय कौशल का उद्घाटन

0-देशभर की सभी कोर्ट में हो सकेगी ई-फाइलिंग
नई दिल्ली,31 अक्टूबर (आरएनएस)। भारत के मुख्य न्यायाधीश शरद अरविंद बोबडे ने शनिवार को नागपुर में न्यायिक अधिकारी प्रशिक्षण संस्थान में भारत के पहले ई-रिसोर्स सेंटर न्याय कौशल का उद्घाटन किया। यह रिसोर्स सेंटर न्याय कौशल देश की सभी जिला अदालतों, उच्च न्यायालयों और सुप्रीम कोर्ट में मामलों की ई-फाइलिंग की सुविधा प्रदान करेगा।
न्याय कौशल केंद्र के माध्यम से अब सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट और जिला कोर्ट में ऑनलाइन माध्यम से याचिका दाखिल की जा सकेगी। इस दौरान मुख्य न्यायाधीश बोबडे ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी ने हमें नई और पुरानी व्यवस्थाओं के संयोजन के साथ काम के एक नए माहौल के लिए प्रशिक्षण प्रदान किया है। उन्होंने कहा कि किसी को भी विश्वास नहीं था कि चार सप्ताह में एक विशाल कार्य पूरा किया जा सकता है। न्याय कौशल के जरिए अब लोग कहीं से भी याचिका ऑनलाइन डाल सकते हैं। कार्यक्रम में सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, भूषण गवई, और बॉम्बे हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस दीपांकर दत्ता आदि भी मौजूद थे।
बोबडे ने कहा कि कोविड-19 वैश्विक महामारी ने अदालतों में सामान्य भौतिक सुनवाई के लिए बड़ी चुनौती खड़ी की है और इसके विकल्प में वर्चुअल सुनवाई एक उचित समाधान नहीं बन पाई है। उन्होंने कहा कि इसने लोगों को दो वर्गों में बांट दिया है, जिनकी तकनीक तक पहुंच है और जिनकी नहीं है।
उन्होंने कहा कि हमने कोशिश की कि सुप्रीम कोर्ट को प्रतिबंधों के साथ चलाया जाए लेकिन हमने महसूस किया कि इस तरह से अदालत का सुरक्षा के साथ संचालन जारी रखना संभव नहीं था। यह महामारी कुछ ऐसी थी जैसे आसमान गिरा हो। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया जा रहा था। मुख्य न्यायाधीश ने आगे कहा, इन सब के बाद भी, जैसा कि न्याय के क्षेत्र में एक पुरानी कहावत है कि न्याय होना चाहिए भले ही आसमान क्यों न गिर रहा हो। उन्होंने आगे कहा कि मैं बहुत गर्व के साथ यह कह रहा हूं कि हमने इस बात को सुनिश्चित करने में सफलता पाई है कि कानून का शासन बना रहे।
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