राजनाथ ने की सीडीएस व तीनों सेना प्रमुखों के साथ बैठक

0-एलएसी पर भारत व चीन के तनाव पर चर्चा
नई दिल्ली,26 मई (आरएनएस)। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन के साथ तनावपूर्ण माहौल के बीच चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और तीन सेनाओं के प्रमुखों के साथ मीटिंग की। इस मीटिंग में एलएसी के जमीनी हालात की समीक्षा की गई और आगे रणनीति पर विचार किया गया।
सूत्रों ने बताया कि चार घंटे से ज्यादा वक्त तक महामंथन हुआ जिसमें रक्षा मंत्री ने चीन की तरफ से सैनिकों की संख्या बढ़ाने पर भारत की प्रतिक्रिया का खाका पेश किया। इस महामंथन के दौरान स्पष्ट कर दिया गया कि संघर्ष विराम के लिए बातचीत तो चलती रहेगी, लेकिन भारतीय सेना वहां अपनी संप्रभुता से बिल्कुल भी समझौता नहीं करते हुए अपनी पकड़ कायम रखेगी। मीटिंग में यह भी फैसला हुआ कि इलाके में सड़क निर्माण का काम चलते रहना चाहिए और भारत अपना सैन्य दल-बल चीन के मुकाबले बढ़ाता रहेगा।
भारतीय सेना और चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी के बीच पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर हालात सामान्य करने के लिए कई बार मीटिंग हो चुकी है। हालांकि, सोमवार तक इसमें कोई कामयाबी नहीं मिली। उससे पहले रविवार को भी मीटिंग हुई थी, लेकिन सूत्रों के मुताबिक कई मुद्दों पर सहमति नहीं बन पाई। संभव है कि आगे क्षेत्रीय कमांडरों के स्तर पर और बैठकें हों। सूत्रों ने बताया कि दोनों पक्ष अब तक पांच दौर की बातचीत कर चुके हैं। भारतीय सेना के एक शीर्ष अधिकारी ने बताया, कोई कामयाबी नहीं मिली। यथास्थिति बरकरार है। उन्होंने कहा कि मुद्दा सुलझाया जाएगा, लेकिन भारतीय सेना एलएसी के पास अपना निर्माण कार्य करती रहेगी। सूत्रों ने कहा कि दोनों तरफ से सैन्य टुकिडिय़ां तैनात हैं और कम-से-कम तीन जगहों पर 5 मई से ही दोनों सेनाएं एक-दूसरे की आखों में आंखे डाले खड़ी है।
चीन ने बढ़ाए सैनिक, भारतीय सेना ने चौकसी
भारतीय सेना ने पूर्वी लद्दाख के पेंगोंग त्सो सेक्टर और गलवान घाटी पर चौकसी बढ़ा दी है जहां चीन ने अपने सैनिकों की तैनाती बढ़ा दी है। इनके अलावा, चीन के साथ लगी पश्चिमी सीमा के ट्रेग हाइट्स, डेमचोक और चुमार इलाकों में भी भारतीय सेना बेहद सख्ती दिखा रही है। दरअसल, 5 मई को लद्दाख में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच कहासुनी हुई और 6 मई की सुबह दोनों पक्षों के बीच हिंसक झड़प हो गई जिसमें दोनों तरफ के कई सैनिक जख्मी हो गए। सूत्रों ने बताया कि उसके बाद से झड़प की जगह के नजदीक ही चीन ने अपने सैनिकों की संख्या में बेतहाशा वृद्धि शूरू कर दी। इतना ही नहीं, चीन ने पेंगोंग लेक में पेट्रोलिंग भी बढ़ा दी और बोट भी बढ़ा दिए।
भारत के निर्माण कार्य पर आपत्ति जताने से हुआ तनाव
ताजा तनाव तब शुरू हुआ जब चीन ने भारतीय सीमा में चल रहे निर्माण कार्य पर आपत्ति जताई। हालांकि, भारतीय सेना ने बताया कि पेंगोंग में अब संघर्ष जैसी स्थिति नहीं है और वहां ज्यादा सैनिक भी नहीं हैं। शुक्रवार को भारतीय थल सेना के प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरावणे ने 14 कॉर्प्स के लेह स्थित मुख्यालय का दौरा किया और एलएसी पर सुरक्षा बलों की तैनाती का जायजा लिया। उन्होंने नॉर्दर्न कमांड के चीफ लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी और 14 कॉर्प्स कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह एवं अन्य अधिकारियों के साथ मीटिंग की और एलएसी के पास के जमीनी हालात से वाकिफ हुए।
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