17 मई तक पाबंदी, ग्रीन और ऑरेंज जोन में कुछ ढील

0-देश में दो हफ्ते के लिए बढ़ा लॉकडाउन
नई दिल्ली ,01 मई (आरएनएस)। लॉकडाउन की अवधि फिर से दो हफ्ते के लिए बढ़ा दी गई है। देशभर को रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोनों में बांटा जा रहा है। ग्रीन जोन में सभी बड़ी आर्थिक गतिविधियों की छूट दे दी गई है।
बसें चल सकेंगी, लेकिन बसों की क्षमता 50त्न से ज्यादा नहीं होगी। डीपो में भी 50त्न से ज्यादा कर्मचारी काम नहीं करेंगे। ऑरेंज जोन में बसों के परिचालन की छूट नहीं होगी, लेकिन कैब की अनुमति होगी। कैब में ड्राइवर के साथ एक ही पैसेंजर हो सकता है। ऑरेंज जोन में इंडस्ट्रियल ऐक्टिविटीज शुरू होगी और कॉम्प्लेक्स भी खुलेंगे। रेड जोन में नई की दुकानें, सैलून आदि बंद रहेंगे। विस्तृत जानकारी गृह मंत्रालय की तरफ से दी जाएगी। देश में कुल 739 जिले हैं, जिनमें से 307 अब भी कोरोना से अछूते हैं यानी 40 प्रतिशत से भी ज्यादा। ये 307 जिले ग्रीन जोन्स हैं। 3 मई के बाद इन जिलों में फैक्ट्रियों, दुकानों, छोटे-मोटे उद्योगों समेत ट्रांसपोर्ट और अन्य सेवाओं को भी शर्तों के साथ पूरी तरह खोलने की अनुमति दे दी गई है।
देश में अभी 307 जिले ग्रीन जोन में
देश में कुल 739 जिले हैं, जिनमें से 307 अब भी कोरोना से अछूते हैं यानी 40 प्रतिशत से भी ज्यादा। ये 319 जिले ग्रीन जोन्स हैं। 3 मई के बाद इन जिलों में फैक्ट्रियों, दुकानों, छोटे-मोटे उद्योगों समेत ट्रांसपोर्ट और अन्य सेवाओं को भी शर्तों के साथ पूरी तरह खोलने की अनुमति दे दी गई है। गौरतलब है कि जिन जिलों में पिछले 21 दिनों से कोरोना वायरस के संक्रमण का एक भी मामला नहीं आता है, उन्हें ग्रीन जोन घोषित कर दिया जाता है। पहले यह मियाद 28 दिनों की थी जिसे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने घटाकर 21 दिन कर दी।
ऑरेंज जोन में 284 जिले
ऑरेंज जोन में उन जिलों को शामिल किया गया है जहां कोरोना मरीजों की संख्या कम है और वहां संक्रमण फैलने का खतरा भी कम है। चूंकि यहां कोविड-19 मरीज हैं, इसलिए इन्हें ग्रीन जोन में नहीं रखा जा सकता है और खतरा ज्यादा नहीं होने के कारण इन्हें रेड जोन में भी नहीं रखा गया है। यानी, इन्हें बीच के ऑरेंज जोन में रखा गया है जिन्हें नॉन-हॉटस्पॉट डिस्ट्रक्ट्सि भी कहा जाता है। इस कैटिगरी में अभी 284 जिले हैं।
129 जिले रेड जोन में
देश में 130 जिले रेड जोन्स में हैं यानी वहां कोरोना वायरस के हॉटस्पॉट्स हैं। पूरी दिल्ली रेड जोन में है। मुंबई, अहमदाबाद, सूरत जैसे बड़े औद्योगिक केंद्र भी रेड जोन्स में हैं, जहां रियायतों की गुंजाइश न के बराबर है।
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