कोरोना ने महसूस कराया कि दुनिया में पर्यावरण को कितना हुआ नुकसान: नायडू

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नई दिल्ली,22 अपै्रल (आरएनएस)। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने विश्व पृथ्वी दिवस के अवसर पर देशवासियों से पृथ्वी पर पर्यावरण के सजग प्रहरी बनने का आह्वान करते हुये कहा है कि कोरोना के वैश्विक संकट ने विकास की अवधारणाओं पर सवाल खड़ किये हैं और यह अहसास कराया है कि मानव ने किस हद तक पर्यावरण संतुलन को हानि पहुंचाई है।
नायडू ने प्रकृति के साथ संतुलन कायम करने के बारे में सोशल मीडिया पर अपने विचार शेयर करते हुये कहा, हम विश्व पृथ्वी दिवस की 50 वीं सालगिरह ऐसे समय मना रहे हैं जबकि सारा विश्व कोविड-19 महामारी के कारण अभूतपूर्व स्वास्थ्य आपदा से ग्रस्त है। फेसबुक पर अपने लेख में कोरोना संकट के बीच वैश्विक पर्यावरण के विषय में कुछ चौंकाने वाले तथ्य उजागर होने की बात कहते हुए नायडू ने कहा विश्व भर में कोरोना के कारण लागू पूर्ण बंदी (लॉकडाउन) में विश्व थम सा गया है। उन्होंने कहा कि इस दौरान विभिन्न प्रकार के प्रदूषण के स्तर में कमी आई है और वायु स्वच्छ हुई है। इसने हमको आभास दिलाया है कि मानव ने किस हद तक पर्यावरणीय संतुलन को हानि पहुंचाई है।
उपराष्ट्रपति ने ट्वीटर पर भी कहा कि कोविड-19 के विरुद्ध मनुष्य के अभियान ने हमारी विकास की अवधारणा पर गहरे सवाल उठाए हैं, जिनका निराकरण करना मानव के अस्तित्व मात्र के लिए अपरिहार्य है। हमें सोचना होगा कि आधुनिकीकरण की अंधी दौड़ में मानव ने प्रकृति को कितनी हानि पहुंचाई है। उन्होंने सभी से आह्वान किया, आज विश्व पृथ्वी दिवस पर पृथ्वी के पर्यावरण के संतुलन को बहाल करने और उसके विविधतापूर्ण परिवेश का संरक्षण करने का संकल्प लें। यह समझें कि मनुष्य इस पृथ्वी को अन्य जीव, जंतुओं और वनस्पति से साथ साझा करता है, उनका भी इस पृथ्वी पर उतना ही अधिकार है जितना मनुष्य का है।
पृथ्वी को स्वच्छ एवं स्वस्थ बनाने का संकल्प लें: मोदी
अंतरराष्ट्रीय पृथ्वी दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों से ग्रह को स्वच्छ और स्वस्थ रखने के लिए संकल्प लेने को कहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने ट्विटर पर लिखा, अंतरराष्ट्रीय पृथ्वी दिवस पर हम सभी हमारी देखभाल और करुणा के लिए अपने ग्रह का आभार व्यक्त करते हैं। उन्होंने कहा कि चलिए एक स्वच्छ, स्वस्थ और अधिक समृद्ध ग्रह बनाने की ओर काम करने का संकल्प लें।
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