वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए जरूरी मामलों पर सुनवाई कर रहा है सुप्रीम कोर्ट
नई दिल्ली,06 अपै्रल (आरएनएस)। देशभर में कोरोना वायरस की कमर तोडऩे के लिए 21 दिनों का लॉकडाउन जारी है। ऐसे में उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए जरूरी मामलों पर सुनवाई कर रहे हैं। शीर्ष अदालत ने एक सर्कुलर जारी करते हुए कहा था कि वह वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बेहद जरूरी मामलों की सुनवाई करना जारी रखेगा।
अदालत ने सोमवार को देश भर की सभी अदालतों के लिए दिशा-निर्देशों के लिए दिशा-निर्देश पारित किए। जिसमें न्यायिक कार्यवाही के लिए वीडियो-कांफ्रेंसिग का उपयोग करने के लिए कहा गया है। अदालत का कहना है कि कोरोना वायरस महामारी के बीच सामाजिक दूरी बनाए रखने के लिए वकीलों और वादियों की भीड़ को निलंबित कर दिया जाना चाहिए। शीर्ष अदालत ने 25 मार्च लॉकडाउन की अवधि के दौरान अपने कामकाज को प्रतिबंधित कर दिया है और केवल बेहद जरूरी मामलों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई कर रही है। अदालत ने संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपनी उच्च शक्ति का प्रयोग करते हुए सभी उच्च न्यायालयों को महामारी के दौरान प्रौद्योगिकी के उपयोग के लिए एक तंत्र तैयार करने का निर्देश दिया। भारत के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे की पीठ ने जोर देते हुए कहा कि प्रौद्योगिकी हर जगह है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के प्रकोप ने सामाजिक दूरी बना रखने को आवश्यक बना दिया है और यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि अदालत परिसर कोरोना वायरस के प्रसार में योगदान न करें। शीर्ष अदालत ने वरिष्ठ अधिवक्ता और सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) के अध्यक्ष विकास सिंह द्वारा लिखे गए एक पत्र पर स्वत: संज्ञान लिया जिसमें अदालतों में सुनवाई करने के लिए प्रौद्योगिकी के उपयोग के उपाय सुझाए गए हैं।
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