बीएमसी का कंगना के ऑफिस में तोडफ़ोड़ दुर्भावनापूर्ण रवैया, हर्जाना देना होगा

0-बॉम्बे हाईकोर्ट ने अभिनेत्री के पक्ष में सुनाया फैसला
मुंबई,27 नवंबर (आरएनएस)। अभिनेत्री कंगना रनौत और बीएमसी (बीएमसी) विवाद पर शुक्रवार को बॉम्बे हाईकोर्ट ने कंगना के पक्ष में फैसला दिया। कोर्ट ने कहा कि बीएमसी का एक्शन दुर्भावनापूर्ण रवैये से किया गया है। उच्च न्यायालय ने बीएमसी के ध्वस्तीकरण के आदेश को निरस्त कर दिया है। कंगना को हुए नुकसान के आकलन के लिए मूल्यांकन कर्ता को नियुक्त करने की बात कही ताकि मुआवजा राशि निर्धारित की जा सके। इस संबंध में अधिकारी मार्च 2021 तक अपनी रिपोर्ट कोर्ट को सौपेंगे। बता दें कि एक्ट्रेस के मुंबई स्थित ऑफिस में बीएमसी द्वारा 9 सितंबर को तोडफ़ोड़ की गई थी।
जस्टिस एसजे कैथावाला और आरआई छागला की बेंच ने इस मामले में फैसला सुनाते हुए कहा, जिस तरह से यह तोडफ़ोड़ की गई वह अनधिकृत था। ऐसा गलत इरादे से किया गया था। ये याचिकाकर्ता को कानूनी मदद लेने से रोकने का एक प्रयास था। अदालत ने अवैध निर्माण के बीएमसी के नोटिस को भी रद्द कर दिया है।
सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि मामले को देख ऐसा लगता है कि विध्वंस की कार्रवाई एक्ट्रेस के ट्वीट्स और बयानों के लिए उसे निशाना बनाने के इरादे से की गई है। बॉम्बे हाईकोर्ट ने कंगना रनौत द्वारा दायर याचिका में विध्वंस नोटिस को खारिज किया। कोर्ट ने कहा कि अगर आवश्यक हो तो नियमितीकरण के लिए स्पष्टीकरण दे।
9 सितंबर को बीएमसी ने कंगना रनौत के ऑफिस में कुछ हिस्सों को अवैध बताते हुए तोडफ़ोड़ की थी जिसके विरोध में कंगना ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। इसके बाद कोर्ट ने बीएमसी द्वारा की जा रही कार्रवाई पर रोक लगा दी थी। कंगना के वकील का दावा है ऑफिस का 40 फीसदी हिस्सा ध्वस्त किया गया था। इसमें झूमर, सोफा और दुर्लभ कलाकृतियों समेत कई कीमती संपत्ति भी शामिल है।
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