भाजपा के चुनावी घोषणा पत्र में हर चुनाव में रहा राम मंदिर मुद्दा

नई दिल्ली ,10 नवंबर (आरएनएस)। श्रीराम मंदिर का मुद्दा 1989 के लोकसभा चुनावों के बाद से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के चुनावी घोषणा पत्र का एक हिस्सा रहा है। उस समय हालांकि भाजपा ने विवादित स्थल पर मंदिर निर्माण के बारे में नहीं कहा था। उस समय भाजपा के घोषणा पत्र में कहा गया था, 1948 में भारत सरकार द्वारा निर्मित सोमनाथ मंदिर की तर्ज पर अयोध्या में राम जन्म मंदिर के पुनर्निर्माण की अनुमति नहीं दी गई तो गंभीर रूप से तनाव बढ़ेगा और इससे सामाजिक सौहार्द्र बिगड़ेगा।
इसके बाद 1991 में अगले चुनाव में भगवा पार्टी ने कहा कि उसका यह दृढ़ विश्वास है कि भगवान राम के जन्मस्थान पर राम मंदिर का निर्माण हमारी सांस्कृतिक विरासत और राष्ट्रीय स्वाभिमान का प्रतीक है। दिसंबर 1992 में हिंदुओं की भीड़ ने बाबरी मस्जिद को गिरा दिया और जल्द ही यहां भगवान राम को समर्पित एक भव्य मंदिर को बनाने का संकल्प लिया। 1996 में, जिस साल भाजपा को पहली बार केवल 13 दिनों के लिए सत्ता मिली थी, उस समय भी पार्टी ने अपने घोषणापत्र में अयोध्या में एक शानदार राम मंदिर का निर्माण करने का वादा किया। 1998 में जब भाजपा ने आखिरकार अपनी गठबंधन सरकार बनाई तो उसने एक भव्य श्री राम मंदिर बनाने का अपना वादा दोहराया, जहां पहले से ही एक अस्थायी मंदिर मौजूद था। पार्टी ने साथ ही यह भी कहा कि भाजपा इस मसले को खत्म करने के लिए सभी सहमति, कानूनी और संवैधानिक साधनों का पता लगाएगी।
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