सामुदायिक रसोई से जुड़ी याचिका पर राज्यों पर लगा पांच लाख का जुर्माना

नई दिल्ली, 10 फरवरी (आरएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने सामुदायिक रसोई बनाने से जुड़ी जनहित याचिका पर हलफनामा दाखिल नहीं करने पर कई राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों पर पांच लाख रुपए का जुर्माना लगाया।
न्यायमूर्ति एनवी रमना की अगुवाई वाली पीठ ने कहा कि अगले 24 घंटे में हलफनामा दायर करने वाले राज्यों को एक लाख रुपए जमा करने होंगे जबकि इतने समय में भी हलफनामा दायर नहीं करने वालों को पांच लाख रुपए देने होंगे। इस मामले में अगली सुनवाई 17 फरवरी को होगी। पांच राज्यों- पंजाब, नगालैंड, कर्नाटक, उत्तराखं, झारखंड और दो केंद्रशासित प्रदेशों अंडमान निकोबार एवं जम्मू कश्मीर ने जनहित याचिका पर अपना जवाब दायर कर दिया है। न्यायालय ने सामुदायिक रसोई बनाने का 18 अक्टूबर को समर्थन किया था और कहा था कि देश को भुखमरी की समस्या से निपटने के लिए इस प्रकार की प्रणाली की आवश्यकता है। उसने सामुदायिक रसोई को बनाने के प्रस्ताव पर केंद्र एवं अन्य राज्यों से जवाब मांगने के लिए उन्हें नोटिस जारी किया है। याचिका में न्यायालय से सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को भुखमरी और कुपोषण का मुकाबला करने के लिए सामुदायिक रसोई की योजना तैयार करने का निर्देश देने का आग्रह किया गया है। इसमें दावा किया गया है कि हर रोज भुखमरी और कुपोषण के चलते पांच साल तक के कई बच्चों की जान चली जाती है तथा यह दशा नागरिकों के भोजन एवं जीवन के अधिकार समेत कई मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है। अनुन धवन, इशान धवन और कुंजना सिंह ने यह जनहित याचिका दायर कर न्यायालय से सार्वजनिक वितरण योजना के बाहर रह गए लोगों के लिए केंद्र को राष्ट्रीय फूड ग्रिड तैयार करने का निर्देश देने का भी अनुरोध किया है।
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