राष्टï्रीय स्तर पर एनआरसी लाने का नहीं हुआ निर्णय

नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनआरसी) पर देश भर में हो रहे व्यापक विरोध प्रदर्शनों के बीच सरकार ने कहा है कि अभी एनआरसी को राष्ट्रीय स्तर पर लाने का कोई निर्णय नहीं हुआ है। इसके अलावा सरकार ने यह भी साफ किया है कि राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) को अपडेट करने के दौरान किसी तरह के दस्तावेज की जरूरत नहीं होगी। यहां तक कि आधार कार्ड नंबर तक देना वैकल्पिक होगा। लोकसभा में सांसद चंदन सिंह, नामा नागेश्वर राव और मनीष तिवारी के सवालों जवाब में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने इस आशय की जानकारी दी। यह सवाल प्रश्नकाल के मौखिक प्रश्नों की सूची में शामिल था। हालांकि विपक्ष के हंगामे के कारण प्रश्नकाल स्थगित हो गया।
गृह राज्य मंत्री ने लिखित जवाब में कहा कि एनपीआर अपडेटशन के दौरान हर परिवार और व्यक्ति की जानकारी ली जाएगी। यह एक सामान्य प्रक्रिया है। इस दौरान किसी तरह का दस्तावेज नहीं मांगा जाएगा। उन्होंने कहा कि इस दौरान ऐसा कोई वेरिफिकेशन नहीं किया जाएगा जिससे किसी की नागरिकता पर सवाल खड़ा हो। अगर कोई व्यक्ति आधार कार्ड नंबर भी नहीं देना चाहे तो वह इसके लिए स्वतंत्र है। राय ने कहा कि इस प्रक्रिया को शुरू करने से पहले केंद्र सरकार राज्य सरकारों से बात भी करेगी। गौरतलब है कि एनपीआर की प्रक्रिया एक अप्रैल से शुरू होगी। इसे जनगणना का पहला चरण माना जा रहा है।
गौरतलब है कि संसद के दोनों सदनों में सीएए से जुड़े बिल पर चर्चा के जवाब में गृह मंत्री अमित शाह ने देश भर में एनआरसी लागू करने की घोषणा की थी। इसके बाद सीएए के विरोध में शुरू हुए विरोध प्रदर्शनों के बीच पीएम नरेंद्र मोदी ने रामलीला मैदान में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था कि विपक्ष उस एनआरसी का विरोध कर रहा है जिस पर सरकार मेंं किसी भी स्तर पर चर्चा तक नहीं हुई है। इस पर विपक्ष ने गृह मंत्री के संसद में दिए बयान का हवाला दिया था।
प्रश्नकाल स्थगित होने पर उठे सवाल
दरअसल प्रश्नकाल शुरू होते ही विपक्ष के सदस्य भाजपा सांसद अनंत हेगड़े की महात्मा गांधी विरोधी टिप्पणी पर हंगामा करने लगे। इससे नाराज स्पीकर ओम बिड़ला ने प्रश्न काल स्थगित कर दिया। शून्य काल में कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि जब सोमवार को विपक्ष ने पूरे एक घंटे तक वेल में नारेबाजी की तब स्पीकर ने कार्यवाही स्थगित नहीं की। जबकि आज जब विपक्ष सरकार का जवाब सुनना चाहता था तब स्पीकर ने कार्यवाही स्थगित कर दी। इस पर स्पीकर ने कहा कि प्रश्नकाल शुरू होने पर उन्होंने विपक्ष से बार बार सरकार का पक्ष सुनने की अपील की। खुद गृह मंत्री जवाब देना चाहते थे। मगर विपक्ष की नारेबाजी के कारण सदन स्थगित करना पड़ा।
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