नकारे गए लोग फैला रहे हैं भ्रम:पीएम मोदी
नई दिल्ली,20 जनवरी (आरएनएस)। पीएम नरेंद्र मोदी ने सोमवार को जेपी नड्डïा को जहां अध्यक्ष निर्वाचित होने पर बधाई दी, वहीं विपक्ष पर तीखा वार भी किया। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ देश भर में हो रहे विरोध प्रदर्शनों की ओर इशारा करते हुए पीएम ने कहा कि नकारे गए लोग भ्रम फैलाने में लगे हुए हैं। पीएम ने कहा कि भाजपा का लक्ष्य महज सत्ता हासिल करना नहीं बल्कि जनसेवा का है। पार्टी का जन्म सदियों तक मां भारती की सेवा के लिए हुआ है।
पीएम ने अपने भाषण की शुरुआत नड्डïा को शुभकामनाएं देते हुए की। इसके बाद विपक्ष को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि चुनावी राजनीति में जिसे जनता ने नकार दिया, उनके पास अब बहुत कम शस्त्र बचे हैंं। बाकी बचे शस्त्र मेंं झूठ फैलाना और बार बार झूठ फैलाना शामिल है। देश लगातार यह देख रहा है। यह नहीं भूलना चाहिए कि जनता ही हमारी ताकत है। उसी ताकत ने पहली बार किसी गैरशासित पार्टी को पूर्ण बहुमत देने के बाद दोबारा उससे भी मजबूत बहुमत दिया।
पीएम ने विपक्ष पर भ्रम फैलाने का आरोप लगाते हुए पार्टी और संगठन को सक्रियता बढ़ाने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि ऐसे समय में हमारे लिए सक्रियता और अपनी बात जन जन तक पहुंचाने की आश्यकता है। नकारे गए लोग भले ही भ्रम फैला रहे हैं, मगर लोगों का भरोसा नहीं डिगा है। उनका झूठ चलता रहेगा और हम भी चलते रहेंगे।
बिहार को संदेश
नड्डïा को बधाई के क्रम में पीएम ने बिहार को संदेश देने के साथ नव निर्वाचित अध्यक्ष को फ्री हैंड देने का भी संदेश दिया। उन्होंने कहा कि नड्डïा पर हिमाचल प्रदेश से ज्यादा बिहार का हक है। जो नड्डïा बिहार का अध्यक्ष बना है उसकी पढ़ाई लिखाई बिहार में हुई। ऐेसे मेंं उन पर बिहार ज्यादा गर्व कर रहा होगा। हिमाचल तो गर्व कर सकता है कि अटलीजी उन्हीं के थे, मेरे जीवन का सबसे ऊर्जा भरेदिन भी हिमाचल के ही थे।
इस दौरान पीएम ने सरकार और दल केबीच लकीर को मजबूत बनाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि यह लकीर खत्म नहींं होगी। इसके लिए सभी आवश्यक मर्यादाओं का पालन होगा। राजनीति के जिन आदर्शों और मूल्यों को ले कर पार्टी आगे बढ़ी थी और जिन मूल्यों के लिए पार्टी की चार से पांच पीढिय़ां खप गई, वही आदर्श और मूल्य पार्टी का विस्तार करेगी।
अमित शाह की तारीफ
पीएम ने इस दौरान निवर्तमान अध्यक्ष अमित शाह की जम कर तारीफ की। उन्होंने कहा कि आमतौर पर सियासी दलों के लिए सत्ता में रहते हुए संघर्ष करना बेहद मुश्किल होता है। मगर शाह के अध्यक्ष रहते पार्टी ने सत्ता में रहते पार्टी का विस्तार किया। पार्टी को नए आयाम दिए। पार्टी को ऐतिहासिक मजबूती दी।
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