नागरिकता विधेयक को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती

नई दिल्ली,12 दिसंबर (आरएनएस)। नागरिकता संशोधन विधेयक, 2019 को संसद ने मंजूरी दे दी है। जिसके बाद इसे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पास हस्ताक्षर के लिए भेजा जाएगा। वहीं गुरुवार को विधेयक के विरोध में याचिका दाखिल की गई है।
यह याचिका इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग ने दायर की है। उसका कहना है कि धर्म के आधार पर नागरिकता नहीं दी जा सकती है। उसने अदालत से विधेयक को असंवैधानिक करार देते हुए रद्द करने की मांग की है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और वकील कपिल सिब्बल मुस्लिम लीग की ओर सुप्रीम कोर्ट में केस लड़ेंगे। वहीं ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट भी विधेयक के खिलाफ याचिका दाखिल कर सकता है। मुस्लिम लीग के सांसद पीके कुनहालकुट्टी का कहना है कि हमने बुधवार को संसद के ऊपरी सदन से पास हुए नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ मामला दर्ज किया है। यह संविधान के मूल सिद्धातों के खिलाफ है। यह पूरी तरह से संविधान की मूल भावना के खिलाफ है और किसी को भी धर्म के आधार पर इसे नष्ट नहीं करने दिया जाएगा। मुस्लिम लीग का कहना है कि संविधान के मौलिक स्तंभों को खत्म किया जा रहा है। आप किस तरह से अवैध घुसपैठियों को नागरिकता प्रदान कर सकते हैं। हम अपने वकील के तौर पर कपिल सिब्बल को नियुक्त कर रहे हैं। लीग ने संसद से विधेयक पास होने को काला दिन करार दिया था। उसका कहना है कि हमने याचिका दाखिल कर दी है। जिसपर अब अदालत सुनवाई करेगा। इसका विरोध किया जाना स्वाभाविक है क्योंकि इससे कई लोग प्रभावित होंगे। इस विधेयक का पूर्वोत्तर के राज्यों में भारी विरोध हो रहा है।
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