राज्यसभा में उठा जेएनयू में फीस वृद्धि का मुद्दा
नई दिल्ली,22 नवंबर (आरएनएस)। राज्यसभा में आज विपक्षी दलों ने राजधानी के जवाहरलाल नेहरू विश्विवद्यालय में फीस बढ़ोत्तरी का मुद्दा उठाया और इसका विरोध कर रहे छात्रों पर कथित पुलिस कार्रवाई का विरोध किया। दूसरी तरफ, बीजेपी के एक सदस्य ने फीस में इजाफे के खिलाफ चल रहे आंदोलन के औचित्य पर सवाल उठाया।
शून्यकाल में सीपीएम के राज्यसभा सदस्य के. के. रागेश ने जेएनयू में फीस बढ़ोतरी का मुद्दा उठाते हुए इस मामले में सरकार को उसके फैसले की समीक्षा करने का निर्देश देने का सुझाव दिया। उन्होंने फीस बढ़ोतरी के फैसले के खिलाफ छात्र आंदोलन को दबाने के लिए की गई पुलिस कार्रवाई की न्यायिक जांच कराने की भी मांग की।
जेएनयू छात्रों के आंदोलन सवाल
विपक्षी दलों के तमाम सदस्यों ने रागेश द्वारा उठाए गए इस विषय से खुद को जोड़ते उनकी इस मांग का समर्थन किया। इस दौरान बीजेपी के प्रभात झा ने भी शून्यकाल के दौरान जेएनयू में फीस बढ़ोतरी और छात्रों के अधिकारों के नाम पर चल रहे आंदोलनों के श्औचित्यश् पर सवाल उठाया। झा ने कहा कि जेएनयू का गौरवशाली इतिहास रहा है लेकिन पिछले कुछ सालों से जेएनयू परिसर में छात्र आंदोलनों की आड़ में देश विरोधी गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने इसकी जांच कराने की मांग की।
दिल्ली में पानी की गुणवत्ता का भी मुद्दा उठा
शून्य काल में भाजपा के विजय गोयल ने दिल्ली में दूषित हवा के साथ दूषित पानी का संकट गहराने का मुद्दा उठाया। गोयल ने सरकारी आंकड़ों के हवाले से कहा कि दिल्ली में पानी की कुल मांग की आधी आपूर्ति टैंकर और बोरिंग के पानी से होती है। उन्होंने कहा कि आपूर्ति किया जाने वाला 40 प्रतिशत पानी लीकेज के कारण बर्बाद हो जाता है। यमुना में 60 प्रतिशत दूषित पानी मिल रहा है। गोयल ने कहा कि दिल्ली के लगभग सभी जलस्रोत दूषित हो चुके है। गोयल द्वारा पेश किए गए आंकड़ों को गलत बताते हुए आप के सदस्य संजय सिंह ने इसका विरोध किया।
जब दूसरे मंत्री के स्थान पर खड़े हुए संजीव बालियान
राज्यसभा में शुक्रवार को उस समय सरकार के लिए असहज स्थिति पैदा हो गयी जब एक मंत्री के स्थान पर दूसरे मंत्री ने आसन की अनुमति के बिना आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखने की कोशिश की। सभापति एम वेंकैया नायडू ने मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री प्रताप चंद्र षाडंगी के स्थान अन्य केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने मंत्रालय से संबंधित दस्तावेज सदन के पटल पर रखने पर आपत्ति जतायी। सभापति ने निर्देश दिया कि एक मंत्री के स्थान पर दूसरे मंत्री द्वारा दस्तावेज पेश किए जाने की स्थिति में आसन से पूर्व अनुमति ली जानी चाहिए। इस पर बालियान ने माफी मांगते हुए कहा कि उन्हें 10 मिनट पहले ही इस संबंध में जानकारी मिली थी।
कांग्रेस सांसदों का विरोध प्रदर्शन किया
सांसदों ने शुक्रवार को इलेक्टोरल बॉण्ड के मुद्दे पर संसद भवन परिसर में विरोध प्रदर्शन किया और इस विषय पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से चुप्पी तोडऩे की मांग की। संसद भवन परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष इलेक्टोरल बॉण्ड के मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन करने वाले सांसदों में अधीर रंजन चौधरी, गुलाम नबी आजाद, शशि थरूर, आनंद शर्मा और कार्ति चिदंबरम आदि शामिल थे। कांग्रेस सांसदों के हाथों में तख्तियां थीं जिन पर लिखा था कि ‘प्रधानमंत्री चुप्पी तोड़ो, नये तरह का भ्रष्टाचार.. इलेक्टोरल बॉण्डÓ। कांग्रेस सांसदों ने इलेक्टोरल बॉण्ड के विषय को उठाते हुए आरोप लगाया कि भाजपा नीत सरकार इस विषय पर देश की जनता से झूठ बोल रही है। गौरतलब है कि आरबीआई और चुनाव आयोग द्वारा इलेक्टोरल बॉण्ड का विरोध किये जाने की रिपोर्ट के बाद इस विषय पर विवाद उत्पन्न हो गया है जहां कांग्रेस ने सरकार को संसद के भीतर और बाहर घेरने का प्रयास किया है। वहीं भाजपा का कहना है कि यह ईमानदार धन को चुनावी राजनीति में लाने का प्रयास है।
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