अनाथ व दिव्यांगों के कल्याण पर खर्च करें सीएसआर: कोविंद
नई दिल्ली,29 अक्टूबर (आरएनएस)। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कारोबारी कंपनियों को सुझाव दिया कि वे कॉरपोरेट सामाजिक दायित्य (सीएसआर) के तहत अनाथ और दिव्यांग लोगों के कल्याण के लिए अधिक राशि खर्च करें।
यहां विज्ञान भवन में आयोजित राष्ट्रीय कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व पुरस्कार कार्यक्रम में बोलते हुए राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने कंपनियों को सुझाव दिया है कि वे कॉरपोरेट सामाजिक दायित्य (सीएसआर) के तहत अनाथ और दिव्यांग लोगों के कल्याण के लिए अधिक राशि खर्च करें। उन्होंने कहा कि सीएसआर गतिविधियों के जरिये विकास की चुनौतियों के लिए नवोन्मेषी समाधान ढूंढे जा सकते हैं। कंपनी कानून, 2013 के तहत सीएसआर प्रावधान एक अप्रैल, 2014 से लागू हुए हैं। इस कानून के तहत कुछ निश्चित श्रेणी की मुनाफा कमाने वाली कंपनियों को अपने तीन साल के औसत शुद्ध लाभ का दो प्रतिशत एक वित्त वर्ष में सीएसआर गतिविधियों पर खर्च करना होता है। राष्ट्रपति ने कहा कि 2014-15 से कंपिनयां हर साल सीएसआर पर 10,000 करोड़ रुपये से अधिक खर्च करती हैं। समाज कल्याण गतिविधियों पर खर्च करने के लिए संसाधन, इच्छाशक्ति और रूपरेखा अहम होते हैं। उन्होंने सवाल किया कि हमें किसकी अधिक मदद करनी चाहिए। वहीं उन्होंने सुझाव दिया कि अनाथों और दिव्यांगों पर अधिक खर्च किया जाना चाहिए। राष्ट्रपति ने कहा कि 2030 तक प्रत्येक अनाथ की देखरेख की जा सकेगी। अब से राष्ट्रीय सीएसआर पुरस्कार हर साल दो अक्टूबर को दिए जाएंगे।
राष्ट्रगान के दौरान महिला सुरक्षाकर्मी घायल
दिल्ली में आज राष्ट्रीय कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व पुरस्कार कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जहां सुरक्षा में तैनात एक महिला पुलिसकर्मी राष्ट्रगान बजने के दौरान गिरकर घायल हो गई। राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने मानवीयता का परिचय देते हुए मंच से उतरकर महिला पुलिस कर्मी से मुलाकात की। महिला पुलिस कर्मी विज्ञान भवन में राष्ट्रीय सीएसआर पुरस्कार समारोह के दौरान मंच के आगे खड़ी थीं। राष्ट्र गान बजते ही महिलाकर्मी गिर पड़ी और कालीन पर बैठ गई। राष्ट्र गान खत्म होते ही कोविंद केन्द्रीय मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर से कुछ बात करते दिखे और फिर सुरक्षाकर्मियों के साथ मंच से नीचे आए। इसके बाद उन्होंने महिला पुलिस कर्मी से बातचीत की और ठाकुर ने उन्हें पानी की बोतल दी। राष्ट्रपति आमतौर पर राष्ट्र गान के बाद समारोह स्थल से चले जाते हैं। कोविंद के समारोह स्थल से जाते समय लोगों ने तालियां बजा कर उनका अभिवादन किया।
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