February 10, 2018
प्रेम इंसान को जीना सिखाता है-असंग साहेब
राजिम, 10 फरवरी (आरएनएस)। राजिम कुंभ मेला साधु-संतो का कुंभ है जहॉं हर ओर उनके वाणी से अमृत की वर्षा हो रही है। ऐसी ही वर्षा असंग साहेब जी के पंडाल में बरस रही है। संत अपने प्रचवन में कहा कि आदमी को जीवन में एक बार ठोकर अवष्य खानी चाहिए क्यों ठोकर खाने से ही इंसान चलना सिखता है। तब उसे प्रेम की अनुभूति होती है, प्रेम इंसान को जीना सिखाती है, गुणवान व्यक्ति को सफलता मिलती है। महाराज जी ने कहा कि हमें चरित्रवान भी बनना चाहिए क्योंकि चरित्रवान बनने से शांति मिलती है। उन्होंने आगे कहा कि गणेष जी की पूजा हम पहले क्यों करते है? क्योंकि वे बुध्दिमान थे, उन्होंने माता-पिता की परिक्रमा कर उनकी पूजा की। आज हम अपने बच्चों को मां-बाप का पैर छुना नहीं सिखाते है जबकि पैर छुने से अहंकार नष्ट होता है और विनम्र बनता है।