फोन पर बैन नहीं हजारोंं की हत्या है मानवाधिकार का उल्लंघन

नई दिल्ली,29 सितंबर (आरएनएस)। विपक्ष पर कश्मीर के संदर्भ में दुष्प्रचार फैलाने का आरोप लगाते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि राज्य में किसी तरह का प्रतिबंध जारी रहने से इंकार किया। गृह मंत्री ने कहा कि कश्मीर में कहीं कोई प्रतिबंध नहीं है। प्रतिबंध सिर्फ आप (विपक्ष) के दिमाग में है। उन्होंने कहा कि किसी इलाके में टेलिफोन नहींं होना मानवाधिकार का उल्लंघन नहीं है, मानवाधिकार का उल्लंघन आतंकवाद के कारण 41 हजार निर्दोष लोगों को मौत के घाट उतार देना है।
पूर्व सिविल सेवा अधिकारी मंच द्वारा नेहरू मेमोरियल में 5वीं वार्षिक व्याख्यान माला में गृह मंत्री ने कश्मीर के सवाल पर विपक्ष के साथ-साथ मानवाधिकार संगठनों को भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि विपक्ष और मानवाधिकार संगठन अनुच्छेद 370 खत्म किए जाने के बाद लगातार दुष्प्रचार कर रहे हैं। कश्मीर में 196 थाना क्षेत्रों से कफ्र्यू हटा लिया गया है। वर्तमान में सिर्फ 8 थानों क्षेत्रों में धारा 144 के तहत पाबंदियां लगाई गई हैं। टेलिफोन सेवा बहाल कर दी गई है। बीते दो महीने में 10 हजार नए लैंडलाइन कनेक्शन दिए गए हैं। इसी दौरान छह हजार पीसीओ दिए गए।
11 साल क्यों थे अब्दुल्ला जेल में?
राजनीतिक नेताओं की गिरफ्तारी पर विपक्ष के हमले पर भी शाह ने इस दौरान तीखी पलटवार किया। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 हटाए जाने के महज दो महीने के कार्यकाल में लोग गिरफ्तारियों पर चिल्ला रहे हैं। चिल्लाने वाली इसी कांग्रेस की सरकार ने अब्दुल्ला को 11 साल तक जेल मेंं डाला था। फारुख अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला की चिंता करने वाली कांग्रेस को बताना चाहिए कि शेख अब्दुल्ला को किस धारा के तहत इतने दिनों तक लगातार जेल में रखा गया?
निर्दोष लोगों की हत्या है मानवाधिकार का उल्लंघन
शाह ने कहा कि इस मामले में विपक्ष कई स्तर पर दुष्प्रचार कर रहा है। मानवाधिकार संगठन फोन बंद होने पर इसे मानवाधिकार का उल्लंघन बता रहे हैं। असली उल्लंघन को 41800 निर्दोष लोगों की आतंकवाद के नाम पर की गई हत्या था। तब मानवाधिकार संगठनों ने इन निर्दोष लोगोंं की मौत और मारे गए लोगों के परिजनों के लिए कभी आवाज नहीं उठाई। शाह ने कहा कि अनुच्छेद 370 खत्म होने से कश्मीरियत के खत्म होने की बात कही गई। मेरा सवाल है कि गुजरात, कर्नाटक में भी 370 लागू नहीं है। क्या इस कारण गुजरात से गरबा और कर्नाटक से कन्नड़ खत्म हो गए?
सही इतिहास लिखने का समय
शाह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के संदर्भ में गलत इतिहास लिखा गया। जिन्होंने इस मामले में गलतियां की उन्होंने ही इतिहास भी लिखा। जाहिर तौर पर यह इतिहास सच्चाई से परे है। असली और वास्तविक इतिहास लिखने का समय तो अब आया है। सही इतिहास लिख कर सच्चाई को आम लोगों तक पहुंचाया जाना जरूरी है।
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