वित्त पोषण के लिए पूर्वोत्तर परिषद ओर से होगा 30 प्रतिशत का प्रावधान:शाह

गुवाहाटी,09 सितंबर (आरएनएस)। गुवाहाटी में 8 और 9 सितंबर को पूर्वोत्तर परिषद का दो दिवसीय 68वां पूर्ण सत्र आयोजित हुआ। गृह मंत्री अमित शाह ने कल पूर्ण सत्र का उद्घाटन किया था। गृह मंत्री ने घोषणा की थी कि पूर्वोत्तर में समाज के वंचित वर्गों और प्राथमिकता वाले क्षेत्रों के वित्त पोषण के लिए पूर्वोत्तर परिषद अपने निधि के 30 प्रतिशत का प्रावधान करेगा। उन्होंने कहा कि हर राज्य उन सभी गांवों और क्षेत्रों को चिह्नित करेगा, जो विभिन्न संकेतों के आधार पर पिछड़े हुए हैं तथा सभी राज्य इन क्षेत्रों को देश के अन्य हिस्सों के समकक्ष लाने की दिशा में काम करेंगे। उन्होंने कहा कि विकास तभी पूरा हो सकता है, जब समस्त राज्य देश के अन्य भागों की तरह प्रगति करें। शाह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाने के बाद अनुच्छेद 371 को हटाने के संबंध में कुछ ऐसी गलत धारणाएं पैदा हो गई थीं। उन्होंने कहा कि केन्द्र अनुच्छेद 371 का सम्मान करता है और वह पूर्वोत्तर को विशेष दर्जा देने संबंधी इस अनुच्छेद के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं करेगा।
पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास राज्य मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह पूर्वोत्तर क्षेत्र के अनोखेपन का उल्लेख करते हुए कहा कि पूरे भारत को पूर्वोत्तर से बहुत कुछ सीखना है। पिछले पांच वर्षों के दौरान पूर्वोत्तर पर ध्यान दिया जा रहा है। यह इसलिए संभव हो सका है, क्योंकि सरकार इस दिशा में आगे बढ़ रही है। पूर्वोत्तर के विकास के लिए सरकार की प्रतिबद्धता दोहराते हुए डॉ. सिंह ने कहा कि पूर्वोत्तर परिषद को वर्ष 2019-20 के लिए 1476 करोड़ रुपये का सबसे बड़ा बजटीय प्रावधान किया गया है।
पूर्ण सत्र में आठ पूर्वोत्तर राज्यों के राज्यपालों तथा मुख्यमंत्रियों सहित अन्य सदस्यों ने हिस्सा लिया। पूर्ण सत्र को संबोधित करते हुए इन्होंने एनईसी की उपलब्धियों का उल्लेख किया। इस अवसर पर भारत सरकार और राज्यों के प्रमुख मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे। केन्द्र सरकार की तरफ से नागरिक उड्डयन मंत्रालय, संचार मंत्रालय, जल शक्ति मंत्रालय, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, बिजली मंत्रालय, सड़क यातायात एवं राजमार्ग मंत्रालय, कृषि सहयोग एवं किसान कल्याण मंत्रालय, पर्यटन मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता तथा खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय ने प्रस्तुतियां दीं तथा पूर्वोत्तर क्षेत्र में सरकार द्वारा किए जाने वाले प्रयासों के बारे में जानकारी दी। इस दौरान हवाई अड्डों के उन्नयन, दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के साथ पूर्वोत्तर क्षेत्र की हवाई संपर्कता में बढ़ोत्तरी, ब्रॉडबैंड को मजबूत बनाने तथा अंतर्राष्ट्रीय सीमा से लगे क्षेत्रों के गांवों में मोबाइल संपर्कता जैसे प्रमुख विषयों की जानकारी दी गई।
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