रक्षा सेवाओं द्वारा तय किए गए मामलों में हुआ इजाफा

नईदिल्ली,23 अगस्त (आरएनएस)। रक्षा मंत्रालय द्वारा सेना के तीनों अंगों को बढ़ी हुई वित्तीय शक्तियां सौंपने के बाद सेवा मुख्यालय, कमान मुख्यालय और तीनों सेवाओं के निचले प्रशासनिक स्तरों द्वारा तय किए गए मामलों की संख्या में इजाफा दर्ज किया गया है।
सेवा मुख्यालय के आंकड़ों के अनुसार वित्तीय शक्तियां सौंपने के प्रभाव के मद्देनजर खरीद मामलों को अंतिम रूप देने के समय में कटौती हुई है। इसके संबंध में सेवा मुख्यालय और अन्य स्तरों पर खरीद के मामले तय करने की प्रक्रिया में तेआई है। इसके कारण रक्षा मंत्रालय द्वारा बजटीय प्रावधानों का बेहतर इस्तेमाल हुआ है।
वर्ष 2016-18 अवधि के दौरान रक्षा सेवाओं को ज्यादा वित्तीय शक्तियां प्रदान की गई हैं। यह शक्तियां रोजमर्रा और आपातकालीन खरीद के संबंध में हैं, जिसका उद्देश्य खरीद समय को कम करना और रक्षा तैयारियों को बढ़ाना है।
पूंपक्ष के मद्देनजर सेना को अब 300 करोड़ रुपये तक की अलग-अलग योजनाओं के लिए ‘आवश्यकताओं को स्वीकृतिÓ (एक्सेप्टेंस ऑफ नेसेसिटी-एओएन) देने का अधिकार मिल गया है। यह बढ़ोतरी दो चरणों में हुई है। इसके संबंध में 2015-17 के 50 करोड़ रुपये से बढ़कर 2017-19 के दौरान 150 करोड़ रुपये की गई और 2019-20 में यह 300 करोड़ रुपये कर दी गई है। राजस्व पक्ष के मद्देनजर सेवाओं को अब अपने स्तर पर 500 करोड़ रुपये तक के प्रस्तावों को मंजूर करने का अधिकार मिल गया है। यह व्यवस्था अक्टूबर, 2018 में बनाई गई और पहले की 200 करोड़ रुपये की सीमा के स्थान पर इसे लागू किया गया।
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