बांग्लादेश के विकास के एजेंडों को भारत समर्थन देता रहेगा
नईदिल्ली,08 अगस्त (आरएनएस)। भारत और बांग्लादेश के बीच बुधवार को नई दिल्ली में गृह मंत्री स्तर की वार्ता (एचएमएलटी) की सातवीं बैठक हुई। इस बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और बांग्लादेश के गृह मंत्री असद-उज-ज़मा खान ने की।
गृह मंत्री ने दूसरी बार बांग्लादेश के गृह मंत्री का कार्यभार संभालने के लिए गणमान्य अतिथि को बधाई दी। उन्होंने बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के विकास के एजेंडे को भारत के पूर्ण समर्थन की बात दोहराई। दोनों मंत्रियों ने द्विपक्षीय संबंधों के महत्व को दोहराते हुए कहा कि 1971 के मुक्ति संग्राम के दौरान बना ये संबंध आज सामरिक साझेदारी से काफी आगे जा चुका है। आज, यह संबंध दुनिया भर के लिए अच्छे पड़ोसी संबंधों की प्रेरणा बन गया है। इसकी जड़ें इतिहास, संस्कृति, भाषा और साझे लोकतांत्रिक मूल्यों, धर्मनिरपेक्षता, विकास साझेदारी और अनगिनत दूसरी समानताओं तक फैली हैं।
बैठक के दौरान दोनों मंत्रियों ने इस बात पर संतोष जताया कि दोनों देश सुरक्षा एवं सीमा प्रबंधन समेत प्रत्येक क्षेत्र में पहले के मुकाबले ज्यादा मिलकर काम कर रहे हैं। दोनों मंत्रियों ने सीमा को मित्रवत बनाए रखने की प्रतिबद्धता दोहराई और इस संबंध में दोनों देशों के सीमा सुरक्षा बलों के बीच करीबी सहयोग की सराहना की। गृह मंत्री ने बांग्लादेश की उस नीति की सराहना कि जिसके मुताबिक वह कट्टरपंथियों और उग्रवादियों को उसके भूभाग का इस्तेमाल भारत समेत दूसरे देशों में हिंसा फैलाने के लिए नहीं करने देगा।
इस बैठक के दौरान द्विपक्षीय सुरक्षा सहयोग से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की गई। दोनों गृह मंत्रियों ने इस बात की जरूरत पर बल दिया कि सीमापार अपराध के खतरे को रोकने की जरूरत है। इसके लिए दोनों सुरक्षित सीमा के लक्ष्य को हासिल करने के लिए सहयोग बढ़ाने पर सहमत हुए। दोनों पक्षों ने सीमा पर सुरक्षा एवं आधारभूत ढांचे से जुड़े लंबित मुद्दों की भी समीक्षा की और इन मामलों को तेजी से हल करने के लिए कदम उठाने पर सहमति व्यक्त की। गृह मंत्री अमित शाह ने विशेष रूप से पूर्वोत्तर भारत में घुसपैठ की समस्या का समाधान खोजने के मद्देनजर सीमा पार से लोगों की अवैध घुसपैठ के बारे में भारत की चिंता को साझा किया।
गृह मंत्री ने अपने बांग्लादेशी समकक्ष को उनके देश में शरण लिए हुए म्यांमार के नागरिकों के सुरक्षित और शीघ्र वापसी के लिए भारत के सतत समर्थन का भरोसा दिलाया। इन लोगों को भारत सितंबर 2017 से चार जगहों पर मानवीय सहायता उपलब्ध करा रहा है।
दोनों नेताओं ने लोगों के बीच संपर्क को आसान बनाने और कनेक्टीविटी को प्रोत्साहित करने समेत व्यापार, स्वास्थ्य एवं पर्यटन से जुड़ी आवाजाही के लिए सहयोग बढ़ाने पर भी आगे बढऩे की बात कही है।
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