पुस्तकें हमारी बौद्धिक और सांस्कृतिक कुंजी हैं: नायडू
पटना,04 अगस्त (आरएनएस)। उप राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने विश्वविद्यालयों से लेकर गांवों तक पुस्तकालय आन्दोलन को सुदृढ़ बनाने की अपील की है और कहा कि स्वच्छ भारत और बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियानों के तर्ज पर इसे एक जन आन्दोलन बन जाना चाहिए।
आज बिहार के पटना विश्वविद्यालय पुस्तकालय के शताब्दी समारोह का उद्घाटन करते हुए उन्होंने कहा कि पुस्तकालय ज्ञान के मंदिर हैं। उन्होंने कहा कि सदियों तक भारत को विश्वगुरू कहा जाता रहा है और हमारे प्राचीन विश्वविद्यालय ज्ञान के खजाना थे।
दुनिया भर से लोग भारत सीखने और अपने ज्ञान को समृद्ध करने आते थे। नायडू ने कहा कि पुस्तकें संस्कृति के प्रसार का सबसे महान स्रोत थीं। उन्होंने कहा कि, पुस्तकें हमारी बौद्धिक और सांस्कृतिक कुंजी हैं। ये हमारी अमूर्त विरासत के हिस्से हैं।
उन्होंने कहा कि छात्रों के बीच बचपन से ही पढऩे की आदत पैदा करनी चाहिए। नायडू ने छात्रों को स्थानबद्ध जीवनशैली और जंकफूड का परित्याग करने का सुझाव दिया। उन्होंने जोर देकर कहा कि किसी को भी अपनी मां, अपना स्थान, मातृभाषा, मातृभूमि एवं गुरु, जो ज्ञान एवं बुद्धिमता प्रदान करता है, को कभी भी नहीं भूलना चाहिए।
नायडू ने कहा कि पुस्तकालयों को निश्चित रूप से अध्ययन का गतिशील स्थान और ज्ञान तथा साहित्यिक मुद्दों के संवर्धन का मंच बन जाना चाहिए।
नायडू ने कहा कि गूगल के युग में पुस्तकालय की प्रासंगिकता बनाए रखने के लिए छात्रों, शोधकर्ताओं एवं अन्य लोगों की सरल पहुंच के लिए पुस्तकालयों का डिजिटाइजेशन आरंभ करने की आवश्यकता है।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि छात्रों को समग्र शिक्षा एवं कौशलों की आवश्यकता है जो उन्हें 21वीं सदी की चुनौतियों का सामना करने में सक्षम बनाए। उन्होंने विश्वविद्यालयों एवं शैक्षणिक संस्थानों से अनुरोध किया कि वे अपनी शिक्षण पद्धतियों एवं पाठ्यक्रमों में परिवर्तन लाएं।
उप राष्ट्रपति ने भारतीय शैक्षणिक संस्थानों से अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बनने की अपील की और कहा कि मगध विश्वविद्यालय जैसे प्राचीन भारत के विख्यात विश्व विद्यालयों ने भारत को विश्वगुरू बना दिया है।
उन्होंने कहा कि भारत ने दुनिया भर में मानवता की बेहतरी के लिए अपने ज्ञान को उदारतापूर्वक साझा किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत ने कभी भी अपने ज्ञान को बौद्धिक संपदा नहीं माना और इसे वृहत्तर विश्व के साथ साझा किया।
उप राष्ट्रपति ने विश्वविद्यालयों और उच्चतर शैक्षिक संस्थानों से सर्वश्रेष्ठ मानक अर्जित करने और भारत को फिर से विश्वगुरू बनाने के लिए पुराने गौरव को हासिल करने हेतु प्रयास करने की अपील की।
इससे पूर्व, उन्होंने पटना विश्वविद्यालय पुस्तकालय के पाण्डुलिपि अनुभाग का दौरा किया और वहां संरक्षित कुछ दुर्लभ एवं प्राचीनतम पाण्डुलिपियों का अवलोकन किया।
इस अवसर पर बिहार के राज्यपाल फागु चौहान, बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार, बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, पटना विश्वविद्यालय के कुल पति रास बिहारी प्रसाद सिंह एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
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