सीईसी सुनील अरोड़ा विभिन्न देशों की निर्वाचन संस्थाओं के संगठन के अध्यक्ष बने

नईदिल्ली,03 सितंबर (आरएनएस)। मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोड़ा ने मंगलवार को वर्ष 2019 से वर्ष 2021 तक की अवधि के लिए विश्व निर्वाचन निकाय संघ (एडब्ल्यूईबी) की अध्यक्षता संभाल ली। भारत ने रोमानिया से इसकी अध्यक्षता संभाली है। भारत को वर्ष 2017 में बुखारेस्ट में आयोजित अंतिम आम सभा में सर्वसम्मति से एडब्ल्यूईबी का अध्यक्ष मनोनीत किया गया था। सुनिल अरोड़ा को एडब्ल्यूईबी का ध्वज निवर्तमान अध्यक्ष के प्रतिनिधि इयोन मिंकु रादुलेस्कु द्वारा सौंपा गया, जो स्थायी निर्वाचन प्राधिकरण रोमानिया के सलाहकार हैं। यह ध्वज भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) के पास वर्ष 2021 तक रहेगा। 45 देशों के 110 से भी अधिक प्रतिनिधि इस बैठक में भाग लेंगे। इस अवसर पर मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोड़ा ने भारत के दो निर्वाचन आयुक्तों अशोक लवासा और सुशील चंद्रा तथा वरिष्ठ उप निर्वाचन आयुक्त उमेश सिन्हा के साथ ईसीआई की तिमाही पत्रिका ‘वॉयस इंटरनेशनलÓ का विमोचन किया, जो 25 से भी अधिक देशों की सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करती है।
एडब्ल्यूईबी के नए अध्यक्ष के रूप में आम सभा का आयोजन करते हुए सुनील अरोड़ा ने यह माना कि एडब्ल्यूईबी की बैठकों के लिए बेंगलुरू में सभी प्रतिनिधियों का स्वागत करना उनका सौभाग्य है। महात्मा गांधी के लेखन को उद्धृत करते हुए अरोड़ा ने कहा कि लोकतंत्र का अर्थ सभी की भलाई के लिए लोगों के विभिन्न वर्गों के संपूर्ण भौतिक, आर्थिक और आध्यात्मिक संसाधनों को जुटाने की कला और विज्ञान होना चाहिए। अरोड़ा ने कहा कि एडब्ल्यूईबी चार्टर की प्रस्तावना में एडब्ल्यूईबी के विजन को रेखांकित किया गया है, जिसमें विश्व में विश्वसनीय निर्वाचन प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए चुनावी प्रबंधन निकायों (ईएमबी) के बीच सहयोग को मजबूत करने की जरूरत; स्वतंत्र, निष्पक्ष, पारदर्शी एवं सहभागितापूर्ण चुनाव कराने के लिए अनुकूल माहौल को बढ़ावा देने एवं विश्व में एक लोकतांत्रिक संस्कृति को विकसित करने की प्रतिबद्धता; महिला-पुरुष समानता को बढ़ावा देने और निर्वाचन प्रक्रिया में दिव्यांगजनों तथा हाशिये पर पड़े अन्य समुदायों को शामिल करने का उल्लेख किया गया है।
एडब्ल्यूईबी के अध्यक्ष की जिम्मेदारी स्वीकार करते हुए अरोड़ा ने कहा कि ईसीआई क्षमता निर्माण कार्यक्रमों के जरिये सहयोगी ईएमबी को सशक्त करने और संघ के उद्देश्यों के अनुसार इसकी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए एडब्ल्यूईबी के सचिवालय और ईएमबी के सदस्यों के साथ अपने संवाद एवं साझेदारी को मजबूत करने को लेकर आशान्वित है। उन्होंने भारत निर्वाचन आयोग में पूर्ण विश्वास दर्शाने के लिए सदस्यों का धन्यवाद किया।
महासभा ने एडब्ल्यूईबी के नए उपाध्यक्ष ग्लेन व्यूमा माशिनिनी, जो दक्षिण अफ्रीका के निर्वाचन आयोग के अध्यक्ष हैं, की नियुक्ति के साथ-साथ नए महासचिव जोंघयून चोई (कोरिया गणराज्य) की नियुक्ति का भी अनुमोदन किया। एडब्ल्यूईबी के निवर्तमान महासचिव योंग-ही किम के विदाई समारोह में अरोड़ा ने सचिवालय का संचालन दक्षतापूर्वक प्रोफेशनल ढंग से करने और एडब्ल्यूईबी की गतिविधियों का विस्तार करने के लिए किम की सराहना की। अरोड़ा ने पिछले दो वर्षों के दौरान एडब्ल्यूईबी के अध्यक्ष की जिम्मेदारी का निर्वहन करने के लिए निवर्तमान अध्यक्ष कोंस्टैन्टिन-फ्लोरिन मिटुलेटु-बुइका का आभार व्यक्त किया जो रोमानिया के स्थायी निर्वाचन प्राधिकरण के माननीय अध्यक्ष हैं। अरोड़ा ने एडब्ल्यूईबी के कामकाज में मूल्यवान एवं प्रोफेशनल योगदान देने के लिए कार्यकारी बोर्ड के अन्य सदस्यों के साथ-साथ निगरानी एवं ऑडिट समिति के सदस्यों की भी सराहना की। अरोड़ा ने नई टीम को आश्वासन दिया कि वह एडब्ल्यूईबी के आदर्शों को आगे बढ़ाने के लिए आवश्यकता पडऩे पर तहेदिल के साथ पूर्ण सहयोग देंगे एवं मार्गदर्शन करेंगे।
बेंगलुरू में आयोजित एडब्ल्यूईबी की चौथी आम सभा में सोमालिया, कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य, डोमिनिकन गणराज्य, बोस्निया और हर्जेगोविना के ईएमबी का कार्यकारी बोर्ड में स्वागत किया गया। बुर्किना फासो, मॉरीशस और समोआ के ईएमबी को निगरानी एवं ऑडिट समिति में शामिल किया गया है। यूक्रेन, कम्बोडिया, अफगानिस्तान, सिएरा लियोन का राजनीतिक दल पंजीकरण आयोग, इंडोनेशिया और मॉरीशस सदस्यों के रूप में एडब्ल्यूईबी के परिवार और एक सहयोगी सदस्य के रूप में एशियाई निर्वाचन प्राधिकरणों के संघ (एएईए) से जुड़े।
अरोड़ा ने यह बात रेखांकित की कि अनेक नवोदित लोकतंत्र अब भी अपनी निर्वाचन एवं कानूनी प्रणालियों के जरिये अपनी राजनीतिक व्यवस्था को स्थिर करने में जुटे हुए हैं। अरोड़ा ने इस बात पर प्रकाश डाला कि इन्हीं स्थितियों में एडब्ल्यूईबी जैसे संगठन अपने सदस्यों की भागीदारी एवं सहयोग के साथ नवाचारों, अनुभवों और कौशल को साझा कर मूल्यवान योगदान, प्रोफेशनल समर्थन और सलाह देते हैं। स्वतंत्र, निष्पक्ष, विश्वसनीय एवं प्रोफेशनल ढंग से प्रबंधित चुनाव किसी भी स्वस्थ एवं जीवंत लोकतंत्र की रीढ़ हैं। अक्टूबर, 2013 में अपने गठन के बाद से ही एडब्ल्यूईबी ने सदस्य देशों की लोकतांत्रिक रूपरेखा को सशक्त करने की दिशा में उल्लेखनीय प्रगति की है। अध्यक्ष ने कहा कि इसके सदस्यों के रूप में 111 देशों के 120 ईएमबी और सहयोगी सदस्यों के रूप में 21 अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के साथ यह सही अर्थों में चुनावी प्रबंधन निकायों का सबसे बड़ा वैश्विक संगठन बन गया है जो चुनावी लोकतंत्र के प्रसार को नई गति प्रदान कर रहा है।
अरोड़ा ने घोषणा की कि प्रलेखन, अनुसंधान एवं प्रशिक्षण; सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने और संघ के सदस्य ईएमबी के बीच क्षमता निर्माण के लिए नई दिल्ली स्थित भारत अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र और चुनाव प्रबंधन संस्थान में एडब्ल्यूईबी केन्द्र स्थापित किया जाएगा। संस्थान पहले ही भारत में 27,000 से भी अधिक चुनाव अधिकारियों के लिए 750 से भी ज्यादा प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कर चुका है। इसके अलावा संस्थान 96 देशों के 1165 से भी अधिक चुनाव अधिकारियों के लिए 62 अंतर्राष्ट्रीय क्षमता निर्माण कार्यक्रम आयोजित कर रहा है। राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय प्रतिभागियों के लिए मानक प्रशिक्षण मॉड्यूल भारतीय एवं अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों की एक प्रख्यात टीम द्वारा विकसित किए जाते हैं। सदस्यों ने अन्य देशों के क्षमता निर्माण कार्यक्रम में सहयोग के लिए भारत की उदार पेशकश की भूरि-भूरि प्रशंसा की।
अरोड़ा ने अपने समापन भाषण में विश्व भर से आये मुख्य निर्वाचन आयुक्तों और ईएमबी के प्रतिनिधियों द्वारा निर्वाचन निकाय की बैठक और आम सभा में हुए विचार-विमर्श में अपना मूल्यवान समय देने के लिए उनका धन्यवाद किया।
चौथी आम सभा का मेजबान राष्ट्र भारत एडब्ल्यूईबी का एक संस्थापक सदस्य रहा है। भारत ने बेंगलुरू में एडब्ल्यूईबी की तीन दिवसीय बैठक की मेजबानी की। एडब्ल्यूईबी की बैठकों के समापन दिवस यानी 4 सितम्बर को ‘चुनावों में सोशल मीडिया और सूचना प्रौद्योगिकी की पहल एवं चुनौतियांÓ विषय पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया जाएगा।
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