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नईदिल्ली,14 जुलाई (आरएनएस)। करतारपुर साहब गलियारे के परिचालन के तौर-तरीकों पर विचार विमर्श का दूसरा दौर आज पाकिस्तान के वाघा में आयोजित हुआ। भारतीय शिष्टमंडल का नेतृत्व गृह मामले मंत्रालय में संयुक्त सचिव एस.सी.एल. दास ने किया तथा इसमें गृह मामले मंत्रालय, विदेश मामले मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय, पंजाब सरकार एवं भारत के राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के प्रतिनिधि शामिल थे।
आज हुई बैठक में करतारपुर साहब गलियारे पर तीर्थ यात्रियों की सुविधाओं के लिए प्रारूप करार एवं तौर-तरीकों तथा गलियारे के लिए विकसित किये जा रहे बुनियादी ढांचे पर चर्चा हुई।
बैठक में मार्च, अप्रैल एवं मई 2019 में आयोजित तकनीकी बैठकों के तीन दौरों में हुई प्रगति की समीक्षा की गई। उन्होंने क्रासिंग प्वाइंट/जीरो प्वाइंट निर्देशांकों की पृष्टि की जिन पर तकनीकी स्तर पर सहमति जताई गई थी।
भारतीय पक्ष ने पाकिस्तान द्वारा उनकी तरफ प्रस्तावित मिट्टी से भरे बांध वाली सड़क या सेतु मार्ग के परिणाम स्वरूप डेरा बाबा नानक और भारतीय पक्ष से सटे हुए क्षेत्रों में संभावित बाढ़ को लेकर चिंता जताई। भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने इन चिंताओं को रेखांकित करने के लिए पाकिस्तान के साथ विस्तृत बाढ़ विश्लेषण साझा किया। यह भी स्पष्ट रूप से संप्रेषित किया गया कि मिट्टी वाले बांध या सेतु मार्ग से हमारे निवासियों के लिए समस्याएं पैदा होंगी और इसका निर्माण नही किया जाना चाहिए। भारत द्वारा अपनी तरफ बनाए जा रहे पुलों का विवरण साझा किया गया और पाकिस्तान से भी उनकी तरफ पुल बनाए जाने का आग्रह किया गया। इससे न केवल बाढ़ से संबंधित चिंताएं होंगी बल्कि पूरे साल गुरूद्वारा करतारपुर साहब के पवित्र स्थान पर तीर्थ यात्रियों की सुगम यात्रा सुनिश्चित होगी। पाकिस्तान ने सिद्धांत रूप से जल्द से जल्द पुल बनाने पर सहमति जताई। पुरानी रावी की छोटी नदी पर पाकिस्तान द्वारा उनकी तरफ एक लंबित पुल निर्माण को देखते हुए भारत ने गलियारे को नवंबर 2019 में, गुरू नानक देव जी के 550वें जन्म शताब्दी के ऐतिहासिक महत्व के देखते हुए पुल को संचालनगत बनाने के लिए अंतरिम रूप से व्यवस्था करने की पेशकश की।
भारत ने पाकिस्तान से तीर्थ यात्रियों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए पूरे वर्ष गुरूद्वारा करतारपुर साहब की सुगम यात्रा सुनिश्चित करने के लिए भारत सरकार का कहना है कि हमारी तरफ से संभावित उच्च मांग को देखते हुए प्रतिदिन गलियारे का उपयोग करते हुए 5,000 तीर्थ यात्रियों को गुरूद्वारा करतारपुर साहब की यात्रा करने की अनुमति दी जाए। विशेष अवसरों पर 10,000 अतिरिक्त तीर्थ यात्रियों को यात्रा करने की अनुमति दी जाए। पंथ के लिहाज से तीर्थ यात्रियों पर कोई प्रतिबंध नहीं होनी चाहिए। न केवल भारतीय नागरिक बल्कि ओसीआई कार्ड धारक भारतीय मूल के व्यक्ति (पीआईओ) को भी करतारपुर गलियारा सुविधा का लाभ उठाने की अनुमति दी जाए। आवाजाही वीजा मुक्त होनी चाहिए और पाकिस्तान को कोई भी शुल्क या परमिट प्रणाली लागू करने पर पुनर्विचार करना चाहिए। तीर्थ यात्रियों को पूरे वर्ष, सातों दिन यात्रा करने की अनुमति मिलनी चाहिए। तीर्थ यात्रियों के पास अकेले में या समूह में जाने का विकल्प होना चाहिए। तीर्थ यात्रियों के लिए लंगर एवं प्रसाद का निर्माण एवं वितरण होना चाहिए। तीर्थ यात्रियों के लिए सुरक्षित माहौल के महत्व को रेखांकित किया गया। पाकिस्तान को इससे संबंधित एक डोजियर सुपुर्द किया गया। भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने तीर्थ यात्रियों की सुविधा के लिए करतारपुर साहब गुरूद्वारा में दूतावास संबंधी सुविधा की भी मांग की।
भारत सरकार ने भारत की तरफ एक पैसेन्जर टर्मिनल, जो एक दिन में 15,000 से अधिक तीर्थ यात्रियों संचालन कर सकता है, सहित अत्याधुनिक बुनियादी ढांचे के निर्माण की दिशा में उल्लेखनीय प्रगति की है।
पाकिस्तान ने अपनी तरफ बुनियादी ढांचे से संबंधित बाधाओं को रेखांकित किया और कहा कि वे चरणबद्ध तरीके से कई भारतीय प्रस्तावों को समायोजित कर सकते हैं।
दोनों पक्षों ने संवाद का माध्यम बरकरार रखने एवं करतारपुर साहब गलियारे को अंतिम रूप देने की दिशा में कार्य करने पर सहमति जताई है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि करतारपुर गलियारे के लिए निर्बाध संपर्क समय से संचालनगत हो जाए जिससे कि नवंबर 2019 से तीर्थ यात्रा आरंभ हो सके, तकनीकी टीमों एक बार फिर से बैठक आयोजित की जाएगी।
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