एमटीए पर दिए जाने वाले परिसर को नियमानुसार लाकर आवास वृद्धि को प्रोत्साहित करेगा

नईदिल्ली,11 जुलाई (आरएनएस)। आवास और शहरी कार्य मंत्रालय ने मॉडल किराएदारी अधिनियम, 2019 का मसौदा तैयार किया है। इस प्रारूप में मालिक और किराएदार दोनों के हितों और अधिकारों को संतुलित बनाने तथा परिसरों को अनुशासित और सक्षम तरीके से किराए पर देने में उत्तरदायी और पारदर्शी व्यवस्था बनाने का प्रावधान है। यह अधिनियम समाज के विभिन्न आय वर्गों के लिए किराए के मकान का पर्याप्त स्टॉक बनाने में सहायता देगा। समाज के इन वर्गों में एक स्थान से दूसरी जगह पर बसे लोग, औपचारिक तथा अनौपचारिक क्षेत्र के श्रमिक, पेशेवर लोग, विद्यार्थी आदि शामिल हैं। इसका उद्देश्य गुणवत्ता सम्पन्न किराए के आवास तक पहुंच को बढ़ाना है। यह विधेयक पूरे देश में किराए के मकान के समग्र कानूनी रूपरेखा को नया रूप देने में सहायक होगा। आशा है कि इस विधेयक से देश में रिहायशी मकानों की भारी कमी की समस्या से निपटने के लिए किराए के आवास क्षेत्र में निजी क्षेत्र की भागीदारी को प्रोत्साहित करेगा।
प्रारूप एमटीए किराए के मकान की वृद्धि, क्षेत्र में निवेश, उद्यम के अवसर तथा स्थान साझा करने की नवाचारी व्यवस्था को प्रोत्साहित करेगा। यह एमटीए भविष्य में होने वाली किराएदारी के मामले में लागू होगा और वर्तमान किराएदारी के मामलों को प्रभावित नहीं करेगा।
2011 की जनगणना के अनुसार देश में लगभग 1.1 करोड़ मकान खाली पड़े थे। इन मकानों को किराये पर उपलब्ध कराने से 2022 तक सभी के लिए घर के विजन को पूरा किया जा सकेगा। वर्तमान किराया नियंत्रण कानून किराए पर मकान की वृद्धि को रोके हुए हैं और मालिकों को इस बात के लिए हत्तोसाहित करते हैं कि मकान को किराए पर देने से मकान दूसरे के कब्जे में चला जाएगा।
००

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Translate »