डॉ. हर्षवर्धन ने प्रथम विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस का किया उद्घाटन

नईदिल्ली,07 जून (आरएनएस)। केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने प्रथम विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस के अवसर पर आज कहा, ‘मैं भारत के सभी नागरिकों से अपील करता हूं ‘सही खाओÓ मुहिम को जन भागीदारी के साथ उसी तरह जन आंदोलन का रूप दें, जिस प्रकार हम सबने एकजुट होकर भारत को पोलिया मुक्त बनाया है। उन्होंने कहा कि अनाज हर किसी का उत्तरदायित्व है- आइए, अनाज का एक भी दाना बर्बाद नहीं करने का संकल्प लें तथा अपने स्तर पर और अपने संस्थानों में, खाद्य सुरक्षा में योगदान देना सुनिश्चित करें। इससे गरीबी, भूख और कुपोषण को जड़ से मिटाने में मदद मिलेगी। डॉ. हर्षवर्धन ने यह बात भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) द्वारा पहली बार मनाए जा रहे विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस के अवसर पर कही। विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस का विषय, ‘खाद्य सुरक्षा सभी का सरोकारÓ है। इस अवसर पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्वनी कुमार चौबे भी मौजूद थे।
डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नए भारत के विजन में स्वास्थ्य, सामाजिक सुरक्षा और पोषण शामिल है। उन्होंने अपने ‘मन की बातÓ सम्बोधन में एफएसएसएआई के ‘सही खाओ अभियानÓ के महत्व को स्वीकार किया है। उन्होंने कहा कि तंदुरूस्ती का आशय केवल रोगों और दुर्बलता की गैर मौजूदगी नहीं है, बल्कि शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक और आध्यात्मिक कल्याण है।
इस अवसर पर डॉ. हर्षवर्धन ने एफएसएसएआई के परिसर में स्थापित गांधी जी की प्रतिमा- ‘साईकिल पर गांधी जीÓ का भी अनावरण किया। उन्होंने कहा, ‘अब जबकि हम बापू की 150वीं जयंती मना रहे हैं, ऐसे में यह प्रतिमा अच्छी सेहत के प्रति उनकी यात्रा का प्रतीक है और यह निरंतर लोगों को स्वास्थ्य की अच्छी आदतें ग्रहण करने के लिए प्रेरित करती रहेगी।Ó उन्होंने कहा कि भोजन और स्वास्थ्य के प्रति बापू का दर्शन आज भी प्रासांगिक है। वह स्वास्थ्य लाभ के लिए सादे, साबूत अनाज, पत्तेदार सब्जियां, नियमित उपवास और शारीरिक अभ्यास के पक्षधर रहे। यह एफएसएसएआई की स्वस्थ् भारत यात्रा का प्रेरक तत्व भी है।
डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि लोगों को गांधीजी के संदेश का पालन करना चाहिए। कम खायें, सुरक्षित और स्वास्थ्यवर्धक भोजन ग्रहण करें तथा भोजन की बर्बादी न करे और अतिरिक्त खाद्य सामग्री को वितरित करे। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, ‘मैं आप लोगों से आग्रह करता हूं कि आप अपने स्थानीय समुदायों में यह शपथ ले और इस संदेश को आगे बढ़ाए। इस संदेश को अधिकतम प्रचार-प्रसार की आवश्यकता है और इसे एक जनांदोलन बनाना चाहिए।Ó
केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने एफएसएसएआई को बधाई दी और कहा, ‘स्वच्छ भोजन से शरीर, मस्तिष्क तथा विचारों एवं कार्यों में स्वच्छता आएगी। इसके लिए सुरक्षित और स्वास्थ्यवर्धक भोजन के प्रति लोगों में जागरूकता की आवश्यकता है और समाज पर प्रभाव के लिए लोगो की भागीदारी महत्वपूर्ण है।Ó
इस कार्यक्रम में केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले सात राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों को वर्ष 2018-19 के लिए सम्मानित किया। सम्मान प्राप्त करने वाले राज्य/केन्द्र शासित प्रदेश हैं- चंडीगढ़, गोवा, गुजरात, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और तमिलनाडु।
एफएसएसएआई ने राज्यों द्वारा सुरक्षित खाद्य उपलब्ध कराने के प्रयासों के संदर्भ में पहला राज्य खाद्य सुरक्षा इंडेक्स (एसएफएसआई) विकसित किया है। इस इंडेक्स के माध्यम से खाद्य सुरक्षा के पांच मानदंडों पर राज्यों का प्रदर्शन आंका जाएगा। इन श्रेणियों में शामिल हैं- मानव संसाधन और संस्थागत प्रबंधन, कार्यान्वयन, खाद्य जांच-अवसंरचना और निगरानी, प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण तथा उपभोक्ता सशक्तिकरण। श्रेणी में पुरस्कार प्राप्त करने वालों के बाद निम्न राज्यों के स्थान हैं- बिहार, दिल्ली, जम्मू-कश्मीर, पंजाब और उत्तर प्रदेश।
कई नगरों में तीसरे पक्ष द्वारा जांच और प्रशिक्षण प्रक्रिया के पश्चात ‘स्वच्छ स्ट्रीट फूड हबÓ का प्रमाण पत्र दिया गया है। हाल में स्वर्ण मंदिर स्ट्रीट, अमृतसर को भी ‘स्वच्छ स्ट्रीट फूड हबÓ की मान्यता दी गई है।
डॉ. हर्षवर्धन ने नए युग का हाथ से पकड़ कर और बैट्री से चलने वाले ‘रमन 1.0Ó नामक उपकरण का शुभारंभ भी किया। यह उपकरण खाद्य तेलों, वसा और घी में की गई मिलावट का एक मिनट से भी कम समय में पता लगाने में सक्षम है। एक बार बैट्री चार्ज होने पर यह उपकरण 250 से अधिक नमूने का परीक्षण करके एक स्मार्ट डिवाइस का उपयोग करके कलाउड पर डेटा एकत्र कर सकता है। यह ऐसे 19 उपकरणों और विधियों में से एक है जिसे एफएसएसएआई में देश में खाद्य परीक्षण बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाने के लिए वैकल्पिक रूप से अनुमोदित किया है। स्कूलों तक खाद्य सुरक्षा का मुद्दा ले जाने के लिए डॉ. हर्षवर्धन ने ‘फूड सेफ्टी मैजिक बॉक्सÓ नामक नवाचारी समाधान की शुरूआत की है। अपने आप ही खाने में मिलावट की जांच करने वाली इस किट में एक मैनुअल और एक उपकरण लगा है। यह किट स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के लिए भी लाभदायक है। दिल्ली खाद्य सुरक्षा विभाग की सहायता से दिल्ली में सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों और सरकारी स्कूलों को 20 किट बांटे गए थे।
स्वास्थ्य मंत्री ने आईआईटी, गांधी नगर, आईआईटी रूड़की, एलबीएसएनएए मसूरी, यूनीलिवर बैंग्लुरू, विप्रो बैंग्लुरू, एचसीएल नोएडा और जेनपैक्ट गुरुग्राम को उनके अनुकरणीय मानकों के लिए सम्मानित किया। यह कार्यक्रम खाद्य सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए समुदाय स्तर पर मान्यता देने के लिए आयोजित किया गया। एफएसएसएआई ने विश्वविद्यालयों, स्कूलों, कॉलेजों, संस्थानों, कार्यस्थलों, रक्षा/अर्ध सैनिक प्रतिष्ठानों, अस्पतालों और जेलों जैसे 7 परिसरों को ‘ईट राइट कैम्पसÓ के रूप में घोषित किया है।
एफएसएसएआई ने खाद्य कंपनियों और व्यक्तियों के योगदान को पहचान देने के लिए ‘ईट राइट एवार्डÓ की स्थापना की, ताकि नागरिकों को सुरक्षित और स्वास्थ्य कर खाद्य विकल्प चुनने में सशक्त बनाया जा सके। इससे उनके स्वास्थ्य और कल्याण में सुधार लाने में मदद मिलेगी। इस यात्रा के प्रभाव और यात्रा के इस आंदोलन को सफलता दिलाने में योगदान देने वाले सभी हितधारकों के सम्मान स्वरूप स्वास्थ्य मंत्री ने इस अभियान के बारे में स्मारक पुस्तक जारी की। एफएसएसएआई की एक वेब-रिसोर्स ऑनलाइन लाइब्रेरी का भी शुभारंभ किया गया। यह पुस्तकालय खाद्य मिलवट, संतुलित आहार लेने औरपोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थों के बारे में सूचनात्मक और दिलचस्प वीडियो पोस्ट करता है।
स्वास्थ्य परिवार कल्याण सचिव सुप्रीति सूदन, एफएसएसएआई की अध्यक्ष सुरीता तेवतिया, एफएसएसएआई के सीईओ पवन अग्रवाल, डीजीएचएस से डॉ. वेंकटेश और खाद्य सुरक्षा अधिकारी और खाद्य व्यापार संचालक भी उपस्थित थे।
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