पिछले पांच वर्षों में उठाये गये कदम अब परिणाम दे रहे हैं:जावड़ेकर
नईदिल्ली,06 जून (आरएनएस)। केन्द्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने गुरुवार को एक समारोह में कहा कि जन भागीदारी वायु प्रदूषण को समाप्त करने और सामान्य रूप से पर्यावरण संरक्षण के लिए अभिन्न है। यह समारोह विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर आयोजित किया गया था। इस वर्ष का विषय है-वायु प्रदूषण।
जावड़ेकर ने कहा कि पिछले पांच वर्षों में उठाये गये कदम अब परिणाम दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि वर्ष 2014 में खराब वायु गुणवत्ता वाले दिवस 246 थे, जो कि घटकर 200 से नीचे आ गये हैं। सामान्य से अच्छी वायु गुणवत्ता वाले दिवस 2016 के 108 से बढ़कर 2018 में 159 हो गये। उन्होंने बताया कि पराली के जलाने की घटना में 25-30 प्रतिशत कमी हुई है। उन्होंने कहा कि भारत 2020 तक वर्तमान बीएस-4 ईंधन मानक से बढ़कर बीएस-6 हो जाएगा।
पर्यावरण, वन तथा जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (एनसीएपी) लांच किया है। यह पांच वर्ष की कार्य योजना है। इसका लक्ष्य 102 शहरों में पीएम2.5 और पीएम10 की 20-30 प्रतिशत घटाना है। यह निर्णय लिया गया है कि प्रत्येक राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अपने राज्य के अग्रणी अकादमी संस्थान से सहयोग करेंगे। यह संस्थान कार्यक्रम के लिए राज्य स्तर पर तकनीकी साझेदार होंगे।
राज्यों में अग्रणी अकादमी संस्थानों के साथ तालमेल करने के लिए पर्यावरण, वन तथा जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने आईआईटी, कानपुर को नोडल अकादमिक संस्थान नियुक्त किया है। आज 17 राज्यों के लिए त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये गये। इस समझौते में राज्य के चिन्ह्ति अकादमिक संस्थान, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड तथा पर्यावरण, वन तथा जलवायु परिवर्तन मंत्रालय शामिल हैं। जिन राज्यों के लिए आज समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये गये, उनमें आंध्र प्रदेश, असम, बिहार, चंडीगढ़, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, झारखंड, महाराष्ट्र, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड तथा पश्चिम बंगाल शामिल हैं।
इस अवसर पर केन्द्रीय पर्यावरण मंत्री द्वारा चार पुस्तकों का लोकार्पण किया गया। ये पुस्तकें हैं-बोटेनिकल सर्वे ऑफ इंडिया की प्लांट डिस्कवरी 2018, डॉ. एस.के. सिंह, डॉ. डी.के. अग्रवाल, जे.एस. जलाल, डॉ. एस.एस. दास, डॉ. ए.ए. माओ तथा डॉ. पी.सिंह की आर्चिड्स ऑफ इंडिया-ए पिक्टोरियल गाइड। तीसरी पुस्तक कैलाश चंद्र और एस.शीला द्वारा संकलित एनिमल डिस्कवरिज 2018 और चौथी पुस्तक कैलाश चंद्र, के.सी. गोपी, एस.एस. मिश्रा तथा सी.रघुनाथन लिखित फॉनल डॉयवर्सिटी ऑफ मैनग्रोव इको सिस्टम इन इंडिया है।
केन्द्रीय पर्यावरण मंत्री ने सीएमएस वार्तावरण के सहयोग से प्रदूषण पर लघु फिल्म प्रतियोगिता भी लांच की। इस प्रतियोगिता के लिए विद्यार्थियों सहित पेशेवर लोगों तथा एमैच्योर फिल्मकारों से प्रविष्टियां मांगी गई हैं। ये फिल्में प्रदूषण विशेषकर वायु प्रदूषण पर तीन मिनट की अवधि की होगी। लघु फिल्मों को प्रस्तुत करने की अंतिम तिथि 30 सितम्बर, 2019 है। ये फिल्में अंग्रेजी या अंग्रेजी में उप शीर्षक के साथ भारतीय भाषाओं में होगी। पुरस्कार की राशि 10 हजार रूपये से लेकर 2 लाख रुपये नकद तक होगी।
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