प्रदेश में पूर्ण शराब बंदी के लिए जन-जागरण जरूरी : भूपेश बघेल

कोरबा , 18 अप्रैल (आरएनएस)।  छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि प्रदेश में पूर्ण शराब बंदी के लिए जन-जागरण जरूरी है। समाज के सहयोग से ही सरकार शराब बंदी कर सकती है।  मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज यहां पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे। कोरबा लोकसभा क्षेत्र से कांगे्रस प्रत्याशी श्रीमती ज्योत्सना महंत के लिए चुनाव प्रचार पर कोरबा आये मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार शराब बंदी करने की दिशा में कार्य कर रही है। दो स्तर पर योजना बनायी गयी है। राजनीतिक दल के लोगों की एक कमेटी अन्य प्रदेशों में जाकर अध्ययन करेगी। जहां पहले शराब बंदी हुई और जहां बाद में निर्णय वापस लिया गया, वहां कमेटी के सदस्य जायेंगे। दूसरे स्तर पर सामाजिक संगठनों के जरिये जन-जागरण अभियान चलाया जायेगा और समाज के सहयोग से शराब बंदी की जायेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश के 85 विकास खण्ड केन्द्र सरकार की पांचवी अनुसूची में शामिल है। यहां की ग्राम सभा में निर्णय के बिना शराब बंदी नहीं की जा सकती। इसीलिए जनजागरण और समाज का सहयोग आवश्यक है।

श्री बघेल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के उस बयान से चुनाव को पूरी तरह अप्रभावित बताया जिसमें साहू समाज पर कांगे्रस अध्यक्ष राहुल गांधी की टिप्पणी का जिक्र दो दिन पहले किया गया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि अपराधी किसी जाति-धर्म का नहीं होता। हर वर्ग से होता है। उन्होंने कहा कि मोदी के बयान का विपरित असर होगा। श्री बघेल ने एक प्रश्र के उत्तर में कहा कि जिला खनिज न्यास निधि (डी.एम.एफ.) में अनियमितता की जांच का अधिकार प्रभारी मंत्रियों को दिया गया है। उन्होंने कहा कि पूर्व में डी.एम.एफ. में गड़बड़ी की गयी थी, इसीलिए जिले के प्रभारी मंत्रियों को न्यास का अध्यक्ष और कलेक्टर को सचिव और सभी जनप्रतिनिधियों को सदस्य बनाया गया है।

भाजपा विधायक भीमा मण्डावी की हत्या की सी.बी.आई. जांच की मांग के संंबंध में उन्होंने बताया कि 09 अपे्रल की घटना के अगले दिन निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर न्यायिक जांच के लिए अनुमति मांगी गयी है। लेकिन आयोग ने अब तक अनुमति नहीं दी है।

केन्द्र सरकार की योजनाओं को बंद करने के आरोप पर पलटवार करते हुए उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री का शपथ लेने के पन्द्रह दिनों के भीतर ही किसान विरोधी निर्णय लेकर धान खरीदी बोनस बंद करने का आदेश केन्द्र ने जारी किया था। दो वर्ष तक बोनस बंद रहा। आदिवासियों के लिए संचालित योजनाएं बंद कर दी गयी। तीन हजार स्कूल बंद कर किये गये। वर्तमान चुनाव के चलते दाल भात केन्द्र, मध्यान्ह भोजन और वृद्धाश्रम आदि का आबंटन बंद कर दिया गया। उन्होंने आयुष्मान भारत योजना को बंद करने से इनकार करते हुए कहा कि पूर्व सरकार ने नब्बे हजार लोगों का साठ करोड़ रूपया भुगतान किया था। जबकि कांगे्रस सरकार ने तीन माह में दो लाख लोगों का 160 करोड़ रूपयों का भुगतान किया है।

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Translate »