चुनावी दांव पर सात केंद्रीय, नौ पूर्व मंत्रियों व दो मुख्यमंत्रियों की प्रतिष्ठा v

नई दिल्ली,10 अपै्रल (आरएनएस)। लोकसभा चुनाव के पहले चरण के लिए 20 राज्यों की 91 सीटों के लिए गुरुवार 11 अप्रैल को मतदान होना है। चुनाव आयोग की तैयारियों के तहत सभी मतदान वाले क्षेत्रों में सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किये गये हैं। इन 91 सीटों पर कुल 1279 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं, जिनमें 227 राष्ट्रीय दलों और 125 क्षेत्रीय, 368 गैर पंजीकृत दलों तथा 559 निर्दलीय प्रत्याशी चुनावी जंग में अपनी किस्मत आजमा रहे है। इनमें नितिन गडकरी समेत सात केंद्रीय मंत्रियों, नौ पूर्व मंत्रियों व दो मुख्यमंत्रियों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है।
ये हैं सियासत के बड़े चेहरे
इस चरण में जिन दिग्गज नेताओं का राजनैतिक भविष्य ईवीएम में कैद होगा, उनमें महाराष्ट्र में नागपुर सीट से केंद्रीय मंत्री नितिन जयराम गडकरी व चंद्रपुर से गृह राज्यमंत्री हंसराज गंगाराम अहीर, अरुणाचल वेस्ट से गृह राज्यमंत्री किरेन रिजिजू, उत्तराखंड की अल्मोडा से अजय टमटा, यूपी की गजियाबाद से विदेश राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह, गौतमबुद्धनगर से पर्यटन मंत्री महेश शर्मा, बागपत से जल संसाधन राज्यमंत्री डा. सत्यपाल सिंह की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी है। जबकि नौ पूर्व केंद्रीय मंत्रियों में भाजपा के डा. संजीव बालियान व डी. पुरंदेश्वरी, तेदेपा के अशोक गणपति राजू, चंद्र किशोर देव व पान्नबा लक्ष्मी, रालोद के चौधरी अजित सिंह, कांग्रेस की रेणुका चौधरी, व वीसेंट एच पाला शामिल हैं। इसके अलावा उत्तराखंड में दो पूर्व मुख्यमंत्रियों कांग्रेस के हरीश रावत व भाजपा के रमेश पोखरियाल निशंक के भविष्य का फैसला भी इस पहले चरण के चुनाव में तय होगा। इसके अलावा बडे चेहरों में हैदराबाद से एमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और बिहार के जमुई से चिराग पासवान के नाम शामिल हैं।
फिलहाल किस दल का कब्जा
पिछले 2014 के लोकसभा चुनाव में इन 91 सीटों में भाजपा की 32 सीटों समेत 36 पर राजग का कब्जा है, जबकि कांग्रेस ने 7 सीटें जीती थीं। इसके अलावा 16 तेदेपा, 11 टीआरएस, नौ वाईएसआर कांग्रेस, चार बीजद, दो तृणमूल के अलावा एनसीपी, पीडीपी, सपा, एसडीएफ, एआईएमआई और सीपीएम का भी एक-एक सीट पर कब्जा है। इस चरण के चुनाव में 51 सीटों पर मौजूदा सांसद फिर से लोकसभा में दाखिल होने के लिए चुनावी जंग में हैं।
कांग्रेस के सबसे जयादा करोड़पतियों व अपराधी प्रत्याशी
लोकसभा चुनाव के लिए पहले चरण की चुनावी जंग में 91 सीटों पर उतरे 1279 प्रत्याशियों में जहां 213 आपराधिक पृष्ठभूमि के हैं तो वहीं वहीं 401 करोड़पति प्रत्याशियों पर भी विभिन्न दलों ने दांव आजमाया है। दिलचस्प बात है कि इस पहले चरण की इस चुनावी जंग में भाजपा से कहीं ज्यादा कांग्रेस ने दागियों व कुबेरों को प्रत्याशी बनाया है। मसलन कांग्रेस पार्टी 69 करोड़पति प्रत्याशियों को चुनावी मैदान में लाकर पहले पायदान पर है, जबकि भाजपा ने 65 अमीरों को चुनावी मैदान में उतारा है। इसी प्रकार कांग्रेस ने 35 ऐसे प्रत्याशियों को चुनाव मैदान में उतरा है, जिनके खिलाफ आपराधिक मामले लंबित हैं। जबकि भाजपा के ऐसे 30 प्रतयाशी चुनावी मैदान में हैं।
चुनावी जंग में सर्वाधिक युवा प्रत्याशी
लोकसभा चुनाव के पहले चरण में होने वाले 1279 प्रत्याशियों में सर्वाधिक 411 प्रत्याशियों की आयु 25 से 40 साल तक है, जिनमें 105 प्रत्याशी 25 से 30 साल और 306 प्रत्याशी 31 से 40 साल के बीच की उम्र के हैं। पहले चरण की 91 सीटों पर 388 प्रत्याशियों की उम्र 41 से 50 साल, 283 नेताओं की उम्र 51 से 60 साल, 155 सियासी योद्धा 61 से 70 साल और 17 प्रत्याशी 71 से 80 साल की उम्र में चुनावी जंग का स्वाद ले रहे हैं। जबकि दो प्रत्याशी 81 से 100 के बीच चुनावी जंग में हैं तो 10 ऐसे प्रत्याशी भी हैं जिन्हों अपनी उम्र ही नहीं बताई है।
चुनावी जंग में दिग्गजों के बेटे-बेटी
पहले चरण के चुनाव में तेलंगाना के मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव की बेटी के. कविता निजामाबाद से प्रत्याशी हैं, तो वहीं बिहार की जुमई सीट पर लोजपा प्रमुख रामविलास पासवान के पुत्र व सांसद चिराग पासवान, बागपत से रालोद प्रमुख अजित सिंह के बेटे जयंत चौधरी के अलावा उत्तराखंड की गढ़वाल सीट से पूर्व केंद्रीय मंत्री बीसी खंडूरी के बेटे कांग्रेस के टिकट पर भाजपा को चुनौती देने की तैयारी में हैं।
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