सुप्रीम कोर्ट ने रद्द की कश्मीरी कारोबारी वटाली की जमानत

नई दिल्ली ,03 अपै्रल (आरएनएस)। उच्चतम न्यायालय ने आतंकी गतिविधियों के लिये धन मुहैया कराने के एक मामले में कश्मीरी कारोबारी जहूर अहमद शाह वटाली की जमानत मंगलवार को रद्द कर दी। न्यायालय ने कहा कि एनआईए ने जम्मू-कश्मीर के हुर्रियत नेताओं और आतंकी संगठनों के बीच के रिश्तों और भारत के खिलाफ युद्ध छेडऩे को लेकर उनकी गतिविधियों को दिखाने के लिए पर्याप्त साक्ष्य जुटाए हैं।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने एनआईए द्वारा गिरफ्तार किए गए वटाली को जमानत दी थी। वह पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के प्रमुख हाफिज मुहम्मद सईद से जुड़े एक आतंकी गतिविधियों के लिये धन मुहैया कराने के मामले में आरोपी है। न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी की पीठ ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के हुर्रियत नेताओं और आतंकी संगठनों के बीच के रिश्तों और भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेडऩे को लेकर उनकी निरंतर गतिविधियों को दिखाने के लिए पर्याप्त साक्ष्य जुटाए गए हैं। जम्मू-कश्मीर में अलगाववादी संगठनों पर सरकार की ओर से की गई हालिया कार्रवाई के मद्देनजर यह फैसला काफी अहम है। वटाली को जमानत देने के उच्च न्यायालय के 13 सितंबर 2018 के आदेश के खिलाफ एनआईए की ओर से दाखिल एक अपील पर शीर्ष अदालत ने यह फैसला सुनाया है। वटाली की जमानत रद्द करते हुए पीठ ने कहा कि वटाली की जमानत याचिका पर विचार करते वक्त एनआईए की ओर से रिकॉर्ड पर लाए गए सभी साक्ष्यों एवं सामग्री को खारिज कर उच्च न्यायालय ने अनुचित रवैया अपनाया। उच्चतम न्यायालय ने कहा कि उच्च न्यायालय को पूरी सामग्री को रिकॉर्ड पर लेना चाहिए था और इसके आधार पर अपनी राय बनानी चाहिए थी।
यूएई से भारत लाया गया जैश आतंकी निसार अहमद
जैश का खतरनाक आतंकी निसार अहमद को यूएई से भारत लाया गया है। भारत सरकार के एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। अधिकारी के मुताबिक, जैश आतंकी निसार 2017 के पुलवामा में सीआरपीएफ कैंप पर हुए हमले में शामिल था। सूत्रों के मुताबिक नई दिल्ली के अपील के बाद यूएई ने उसे 31 मार्च को प्रत्यर्पित किया। निसार जैश के सबसे खतरनाक आतंकी नूर अहमद का भाई है। नूर अहमद की लंबाई महज तीन फीट है।
००

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Translate »