सुप्रीम कोर्ट 10 अप्रैल को करेगा सुनवाई
नई दिल्ली ,01 अपै्रल (आरएनएस)। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने यूपी की अमेठी सीट के अलावा केरल के वायनाड से भी चुनाव लडऩे का फैसला लिया है। 2014 में पीएम नरेंद्र मोदी ने भी वाराणसी के अलावा गुजरात की वडोदरा सीट से चुनाव लड़ा था। यही नहीं इंदिरा गांधी और सोनिया गांधी भी दो सीटों से चुनाव लड़ चुकी हैं। हालांकि नेताओं के दो लोकसभा सीटों से चुनाव लडऩे को लेकर सवाल भी उठते रहे हैं। आइए जानते हैं क्या कहता है इस पर संविधान…
दो सीटों से चुनाव क्यों?
रिप्रजेंटेशन ऑफ पीपल्स ऐक्ट, 1951 के सेक्शन 33 के तहत कोई भी व्यक्ति अधिकतम दो सीटों से चुनाव लड़ सकता है। इस ऐक्ट के पारित होने से पहले कोई प्रत्याशी कितनी भी सीटों से चुनाव मैदान में उतर सकता था। आयोग का स्पष्ट तौर पर कहना था कि चुनाव जीतने के बाद सीट छोडऩा एक तरह से मतदाताओं के साथ अन्याय है। इस मसले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई है, जिस पर 10 अप्रैल को सुनवाई होनी है।
क्या है समस्या?
यदि कोई नेता दो सीटों से चुनाव जीतता है तो उसे 10 दिनों के भीतर एक सीट खाली करनी होती है। इसका सीधा अर्थ है कि देश की व्यवस्था पर एक बार फिर से एक सीट पर चुनाव का बोझ पडऩा। 2014 में पीएम नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के अलावा वडोदरा सीट से भी चुनाव जीता था, लेकिन जीतने के बाद वडोदरा सीट छोड़ दी थी। इसी तरह मुलायम सिंह यादव ने भी मैनपुरी और आजमगढ़ सीट से जीतने के बाद मैनपुरी से इस्तीफा दे दिया था। यदि राहुल गांधी दोनों सीटों से चुनाव में जीतत हैं तो फिर उन्हें एक सीट से इस्तीफा देना होगा।
कौन उठाएगा खर्च?
निर्वाचन आयोग का कहना है कि राजनेताओं के दो सीटों से चुनाव लडऩे पर रोक लगनी चाहिए या फिर एक सीट खाली करने की स्थिति में उन्हें खर्च उठाना चाहिए। 2004 में एक रिपोर्ट में चुनाव आयोग ने प्रस्ताव दिया था कि सीट छोडऩे की स्थिति में कैंडिडेट को विधानसभा और विधान परिषद के लिए 5 लाख और लोकसभा सीट के लिए 10 लाख रुपये जमा कराने चाहिए।
मौजूदा नियम से किसे फायदा?
इस नियम से आम तौर पर पार्टी अध्यक्षों, सीएम और पीएम उम्मीदवारों को फायदा रहता है, जो माहौल बनाने के लिए दो सीटों से चुनाव लड़ते रहे हैं। कई बार नेता इसे रिस्क कवर के तौर पर भी आजमाते हैं। यही नहीं एक से ज्यादा सीटों से चुनाव लडऩे से नेताओं को खुद को राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करने में मदद मिलती है।
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