यूपीए सरकार ने नहीं दी थी एंटी सैटेलाइट मिसाइल बनाने की अनुमति

नई दिल्ली ,27 मार्च (आरएनएस)। एंटी सैटेलाइट मिसाइल परीक्षण ‘मिशन शक्तिÓ को लेकर वित्त मंत्री अरूण जेटली ने बुधवार को पूर्ववर्ती संप्रग सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि वैज्ञानिक एक दशक पहले ही एंटी सैटेलाइट मिसाइल बनाने में सक्षम थे लेकिन उस समय की सरकार ने उन्हें कभी ऐसा करने की अनुमति नहीं दी।
इस मुद्दे पर कांग्रेस समेत विपक्ष पर पलटवार करते हुए बुधवार को भाजपा की ओर से वित्त मंत्री अरूण जेटली, रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और सूचना प्रसारण मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में अपना पक्ष रखा। अरूण जेटली ने कहा कि यहां हम राष्ट्रीय सुरक्षा की बात कर रहे हैं और दूसरी तरफ विपक्षी दल कह रहे हैं कि अब क्यों किया है, चुनाव के बाद ऐसा करते।जेटली ने कहा कि आज देश के लिए एक ऐतिहासिक दिन है। खासतौर से वैज्ञानिकों के लिए, जिन्होंने आज वह क्षमता प्राप्त की जो अभी तक विश्व में केवल 3 देशों के पास थी । भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कहा कि हर तरह की लड़ाई के लिए हमें तैयारी करनी है और हमारी तैयारी ही हमारी सुरक्षा है। उन्होंने कहा कि आज जो अंतरिक्ष के क्षेत्र में सफलता प्राप्त हुई है, वह सौ प्रतिशत भारतीय प्रयासों का नतीजा है। इसकी हर चीज का भारत में शोध हुआ और भारत में ही निर्माण हुआ। जेटली ने खुलासा किया कि इस मिशन के लिए पहले से ही हमारे वैज्ञानिकों की इच्छा थी और उनका कहना था कि हमारे पास यह क्षमता है, लेकिन उस समय की सरकार हमें यह करने की अनुमति नहीं देती थी। भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कहा कि अप्रैल 2012 में डीआरडीओ के तत्कालीन प्रमुख वीके सारस्वत ने कहा था कि भारत अब एंटी सैटेलाइट मिसाइल बना सकता है। उन्होंने कहा कि लेकिन यूपीए सरकार ने इसकी अनुमति नहीं दी। जेटली का यह बयान ऐसे समय में आया है जब बुधवार को भारत ने अंतरिक्ष में एंटी सैटेलाइट मिसाइल से एक लाइव सैटेलाइट को मार गिराते हुए अपना नाम अंतरिक्ष महाशक्ति के तौर पर दर्ज कराया और ऐसी क्षमता हासिल करने वाला दुनिया का चौथा देश बन गया।
कांग्रेस सहित विपक्षी दलों ने इस उपलब्धि के लिये वैज्ञानिकों की सराहना की लेकिन साथ ही कहा कि इसका श्रेय प्रधानमंत्री को नहीं लेना चाहिए। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कटाक्ष करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री को विश्व रंगमंच दिवस की बधाई भी देना चाहते हैं।
००

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Translate »