50 फीसदी वीवीपैट के मिलान की मांग

नई दिल्ली ,15 मार्च (आनएनएस)। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चन्द्रबाबू नायडू की अगुआई में 21 विपक्षी दलों की ओर से म्टड को लेकर दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को चुनाव आयोग और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया। कोर्ट ने दोनों से 25 मार्च तक अपना जवाब देने को कहा है। याचिका में सुप्रीम कोर्ट से मांग की गई है कि वह चुनाव आयोग को निर्देश दे कि काउटिंग के दौरान कम से कम 50 प्रतिशत वीवीपैट (वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रायल) पर्चियों का मिलान किया जाए।
सीजेआई रंजन गोगोई की अगुआई वाली बेंच ने चुनाव आयोग से यह भी कहा है कि वह इस मामले में कोर्ट के सहयोग के लिए किसी वरिष्ठ अधिकारी को तैनात करे। मामले की अगली सुनवाई 25 मार्च को होगी। बता दें कि विपक्षी दल अक्सर ईवीएम पर सवाल उठाते रहे हैं। उनकी मांग है कि चुनाव नतीजों को घोषित करने से पहले वीवीपीएटी पर्चियों का ईवीएम में दर्ज वोटों से मिलान किया जाए। इसके लिए चन्द्रबाबू नायडू, अखिलेश यादव, के. सी. वेणुगोपाल, शरद पवार, अरविंद केजरीवाल, सतीश चंद्र मिश्र समेत विपक्ष के 21 नेताओं ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। विपक्षी नेताओं ने चुनाव आयोग के उस दिशानिर्देश को चुनौती दी है जिसमें प्रति विधानसभा क्षेत्र की किसी एक पोलिंग स्टेशन के टटच्।ज् काउंट को अनिवार्य किया है। याचिका में कहा गया है कि चुनाव आयोग इस तरह कुल ईवीएम के 0.44 प्रतिशत से भी कम के टटच्।ज् का मिलान होगा। याचिका में 2017 में बीजेपी नेता सुब्रमण्यन स्वामी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का भी जिक्र किया गया है, जिसमें कोर्ट ने चुनाव आयोग को सभी म्टड में टटच्।ज् लगाने का निर्देश दिया था।
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