गरीब सवर्णों के 10 फीसदी आरक्षण पर रोक से सुप्रीम कोर्ट का इनकार
नई दिल्ली ,11 मार्च (आरएनएस)। सामान्य वर्ग के आर्थिक पिछड़ों को 10 फीसदी आरक्षण की व्यवस्था पर रोक लगाने से चुनाव आयोग ने इनकार कर दिया है। इस संबंध में एक याचिका दायर की गई थी, जिस पर सोमवार को सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. अब केस की अगली सुनवाई 28 मार्च को होगी।
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने कहा कि वह 28 मार्च को याचिका पर सुनवाई करेगी और संविधान पीठ को मुद्दा भेजने या नहीं भेजने पर विचार करेगी। पीठ में न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना भी शामिल थे। पीठ ने याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुये वरिष्ठ वकील राजीव धवन को अपने आवेदन में उठाये गये बिन्दुओं को एक छोटे नोट में दायर करने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान वरिष्ठ वकील राजीव धवन ने कहा कि इस केस की सुनवाई संवैधानिक बेंच के सामने की जाए क्योंकि यह बुनियादी ढांचे का मामला है. इस पर कोर्ट ने सभी पक्षों से लिखित में यह मांग रखने को कहा। नरेंद्र मोदी कैबिनेट ने इसी साल (2019) 7 जनवरी को सरकारी नौकरी और शिक्षण संस्थानों में आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य श्रेणी के लोगों को 10 फीसदी आरक्षण देने का फैसला लिया था। अलग से आरक्षण की यह व्यवस्था लागू करने के लिए संविधान में संशोधन किया गया। 9 जनवरी को संशोधित बिल राज्यसभा में लंबी बहस के बाद पारित हो गया और अगले ही दिन लोकसभा से भी इस बिल को मंजूरी मिल गई।
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