चुनाव में रमजान के त्योहार का रखा गया है ध्यान

नई दिल्ली ,11 मार्च (आरएनएस)। चुनाव आयोग ने रमजान के महीने में चुनाव कराने के फैसले पर उठ रहे सवालों को नकारते हुए कहा कि चुनाव कार्यक्रम में मुख्य त्योहार और शुक्रवार का ध्यान रखा गया है।
इस मामले में आयोग की ओर से सोमवार को जारी प्रतिक्रिया में कहा गया है कि रमजान के दौरान पूरे महीने के लिए चुनाव प्रक्रिया को रोका नहीं जा सकता। आयोग ने स्पष्ट किया कि इस दौरान ईद के मुख्य त्योहार और शुक्रवार का ध्यान रखा गया है। उल्लेखनीय है कि आप और तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने रमजान के दौरान चुनाव कराने को लेकर आयोग की मंशा पर सवाल उठाते हुए जानबूझ कर ऐसा चुनाव कार्यक्रम बनाने का आरोप लगाया है। चुनाव कार्यक्रम घोषित किए जाने के बाद ‘आपÓ विधायक अमानतुल्लाह खान ने कहा था कि 12 मई का दिन होगा दिल्ली में रमजान होगा मुसलमान वोट कम करेगा इसका सीधा फायदा भाजपा को होगा।
इससे पहले लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही एक नया विवाद सामने आ खड़ा हुआ है। उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और बिहार में सात चरणों में चुनाव होने हैं। ऐसे में चुनाव की कुछ तारीखों के रमजान महीने के दौरान पडऩे पर बयानबाजी शुरू हो गई है।
ओवैसी ने विवाद को बताया बेवजह
एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने विवाद पर बोलते हुए कहा, ष्ये सारा विवाद बेकार का है। इसकी कोई जरूरत नहीं नहीं है। मैं उन राजनीतिक दलों से गुजारिश करना चाहूंगा कि आप किन्हीं भी कारणों से मुस्लिम समुदाय और रमजान का इस्तेमाल न करें। रमजान के दौरान मुसलमान जरूर रोजे रखेंगे। वो बाहर भी निकलेंगे, सामान्य जिंदगी जिएंगे। वो दफ्तर जाएंगे। सबसे गरीब भी रोजे रखेंगे। मुझे तो लगता है कि रमजान के महीने में ज्यादा मतदान होगा क्योंकि इस महीने में लोग बाकी सांसारिक कर्तव्यों से दूर रहेंगे। दरअसल आखिरी तीन चरणों यानी 6, 12 और 19 मई को मतदान के दौरान रमजान का महीना भी चल रहा होगा। भाजपा प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने भी कहा कि हिंदू भाई भी व्रत करते हैं, वो भी तो मतदान करते हैं। रोजा रखने वाले कई लोग दफ्तरों को जाते हैं, अपना काम करते हैं, यह पहला मौका नहीं है कि जब रमजान में मतदान हो रहा है। इस पर सवाल नहीं उठाने चाहिए।
इन दलों ने उठाए सवाल
आप नेता और प्रवक्ता संजय सिंह ने भी इस मामले में ट्वीट किया है। दिल्ली में 12 मई को मतदान होना है। उन्होंने लिखा कि चुनाव आयोग मतदान में हिस्सा लेने की अपील के नाम पर करोड़ों खर्च कर रहा है लेकिन दूसरी तरफ 3 फेज का चुनाव पवित्र रमजान के महीने में रख कर मुस्लिम मतदाताओं की भागीदारी कम करने की योजना बना दी है सभी धर्मों के त्योहारों का ध्यान रखो सीईसी साहब। उधर इससे पहले कोलकाता के मेयर और तृणमूल कांग्रेस के नेता फरहाद हाकिम और ईदगाह इमाम मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली चुनाव की तारीखों से खुश नहीं है। उनका कहना है कि चुनाव के समय मुस्लिमों का रोजा होगा। इस बात पर चुनाव आयोग को ध्यान देना चाहिए था।
हाकिम ने कहा, श्चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्था है और हम उसका सम्मान करते हैं। हम उनके खिलाफ कुछ नहीं बोलना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि इन तीन राज्यों में अल्पसंख्यक आबादी काफी ज्यादा है। वह रोजा रखकर वोट डालेंगे। चुनाव आयोग को इस बात को अपने दिमाग में रखना चाहिए। भाजपा चाहती है कि अल्पसंख्यक अपना वोट न डालें। लेकिन हम इससे चिंतित नहीं हैं। लोग भाजपा हटाओ-देश बचाओ को लेकर प्रतिबद्ध हैं। वहीं ईदगाह इमाम मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने नाराजगी जताई है। उन्होंने चुनाव आयोग से मुसलमानों की भावना का खयाल रखने और चुनाव तिथि रमजान माह से पहले या बाद में करने की मांग की है।
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