पुलवामा मामला सुलझाने के बेहद करीब: एनआईए
नई दिल्ली ,25 फरवरी(आरएनएस)। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) पुलवामा हमला केस सुलझाने के बेहद करीब पहुंच चुकी है। इस मामले से वाकिफ सूत्रों ने बताया कि सबूतों का विश्लेषण करने के बाद यह पता चला कि इस ऑपरेशन में आत्मघाती हमलावर आदिल अहमद डार और स्थानीय हैंडलर समेत जैश-ए-मोहम्मद के पांच आतंकी शामिल थे।
गत 14 फरवरी को सीआरपीएफ काफि ले में धमाके के लिए जिस गाड़ी का इस्तेमाल किया गया था, उसके मालिक की भी पहचान कर ली गई है। यह गाड़ी करीब आठ साल पहले कश्मीर में रजिस्टर्ड हुई थी और मालिक की जानकारी में उस आतंकी समूह की तरफ से उसे इस्तेमाल किया जा रहा था। गाड़ी का मालिक गायब है। एनआईए के सूत्रों ने बताया कि इस घटना में पाकिस्तान का साफतौर पर हाथ है। आत्मघाती हमले में इस्तेमाल गाड़ी में एक कंटेनर में करीब 25 किलोग्राम आरडीएक्स रखा गया था। एक तरफ जहां इस बात की जांच की जा रही है कि कैसे जैश-ए-मोहम्मद ने इस घटना को अंजाम देने के लिए आरडीएक्स खरीदा, तो वहीं जांचकर्ता ऐसा मानते हैं कि विस्फोटकों को सीमापार से लाया गया था।
एनआईए सूत्र ने बताया कि हमारे पास गाड़ी का पूरा विस्तृत ब्यौर है। इसमें उसी आतंकी समूह के लोग कम से कम दो बार देखे गए थे। एनआईए ने यह पाया कि आदिल अहमद डार पिछले साल मार्च में गायब होने के बाद वह जैश-ए-मोहम्मद की यूनिट के साथ ‘एक्टिवÓ था। यह आतंकी समूह मुख्य रूप से सीमा पर से अपना ऑपरेशन चलाता है। आदिल के घर पर मई के आखिर या जून 2018 में सुरक्षाबलों की तरफ से उसके काकपोरा स्थित घर पर फायरिंग के चलते वह सीआरपीएफ को पसंद नहीं करता था। जांचकर्ता ऐसा मानते हैं कि डार के घर पर फायरिंग के बाद स्थानीय जैंश हैंडर ने उसे कट्टर बना दिया और सीमा पार से आए निर्देश के बाद उसे इस कदम के लिए तैयार किया गया था। एनआईए सूत्रों ने हालांकि इस हमले में शामिल लोगों के बारे में उसकी पहचान उजागर करने से फिलहाल इनकार किया है। लेकिन, एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि अगले दो हफ्तों में इस केस की विस्तृत जानकारी सामने आ जाएगी।
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