पाकिस्तान को जम्मू-कश्मीर पर बोलने का कोई हक नहीं: केंद्र
नई दिल्ली,05 अपै्रल (आरएनएस)। भारत ने एक बार फिर सख्त लहजे में पाकिस्तान से कहा कि वह जम्मू-कश्मीर के आंतरिक मामले में दखल ना दे।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि जम्मू और कश्मीर की स्थिति पर बोलने का पाकिस्तान को कोई अधिकार प्राप्त नहीं है। दरअसल, जम्मू-कश्मीर में अधिवास (डोमिसाइल) के नियम को लेकर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने बयान दिया था, जिसके बाद विदेश मंत्रालय ने यह टिप्पणी की है। इसके साथ ही मंत्रालय ने कहा कि भारत के आंतरिक मामलों में बार-बार दखल देने की पाकिस्तान की कोशिश उसके बेकार के दावों को कहीं से भी स्वीकार्य नहीं बनाएंगे। पाकिस्तान ने गुरुवार (2 अप्रैल) को भारत पर जम्मू-कश्मीर की जनसांख्यिकीय संरचना को गैर कानूनी रूप से बदलने का आरोप लगाया था। साथ ही नए अधिवास नियम को अंतरराष्ट्रीय कानून का सीधा उल्लंघन करार दिया था। भारत सरकार ने बुधवार (1 अप्रैल) को नए अधिवास नियमों को जारी किया, जिसके तहत इसमें उनको भी मूल निवासी का दर्जा मिलेगा जो केंद्र शासित प्रदेश में 15 साल से रह रहा है।
इससे पहले पाक विदेश कार्यालय ने एक बयान में कहा था कि यह गैर कश्मीरियों को इस क्षेत्र में बसाने के लिए भारत का एक और गैर कानूनी कदम है। इसमें कहा गया कि यह चौथी जिनेवा संधि समेत अंतरराष्ट्रीय कानूनों का साफ उल्लंघन है। पाक विदेश मंत्रालय ने संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इस भारतीय कदम का तत्काल संज्ञान लेने का आग्रह किया और भारत को इस क्षेत्र में जनसांख्यिकीय बदलाव से रोकने की मांग की। नए कानून के अनुसार जम्मू-कश्मीर में 15 साल तक रहने वाला या सात साल तक पढ़ाई करने वाले और किसी शैक्षणिक संस्थान में दसवीं एवं बारहवीं कक्षाओं की परीक्षा देने वाला कोई भी व्यक्ति मूल निवासी है। इससे पहले भी पाकिस्तान पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने के फैसले को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत को घेरने का असफल प्रयास कर चुका है।
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