5 साल के जुड़वा भाइयों की 11 दिन बाद मिली लाश, 6 अरेस्ट

सतना ,24 फरवरी (आरएनएस)। चित्रकूट जिले में विगत दिनों जिन पांच वर्षीय जुड़वा भाइयों का स्कूल बस में बंदूक की नोक पर अपहरण हुआ था, जिनके शव यूपी के बांदा में मिले हैं। इस घटना से चित्रकूट में लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है और वहां अभी धारा-144 लागू कर दी गई है। एमपी पुलिस ने इस मामले में छह लोगों को गिरफ्तार किया है। इस बीच इस घटना से दोनों राज्यों की राजनीति गरमा गई है। एमपी के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण घटना है और वह स्तब्ध हैं। वहीं, यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि अब मां-बाप बच्चों को स्कूल भेजने से भी डरेंगे! देश की कानून-व्यवस्था अब इससे ज्यादा क्या बिगड़ेगी?
इन दोनों भाइयों को स्कूल बस के अंदर से 12 फरवरी को किडनैप किया गया था। सूत्रों की मानें तो अपहरणकर्ताओं ने बच्चों के पिता से 50 लाख रुपये की फिरौती मांगी थी। बच्चों के पिता उन्हें 20 लाख रुपये दे भी चुके थे, लेकिन शनिवार रात बच्चों के शव उत्तर प्रदेश के बांदा में बबेरू इलाके के पास यमुना नदी में मिले।
पुलिस ने बताया कि दोनों बच्चे प्रियांश और श्रेयांश पांच साल के थे। वह अपने माता-पिता के साथ चित्रकूट धाम (कर्वी) के रामघाट में रहते थे। उनके पिता ब्रजेश रावत तेल के व्यापारी हैं। बच्चे मध्य प्रदेश के हिस्से में आने वाले चित्रकूट स्थित सद्गुरु पब्लिक स्कूल में पढ़ते थे। 12 फरवरी को स्कूल की छुट्टी के बाद बच्चे स्कूल बस में घर जाने के लिए बैठ रहे थे। बस चलने से पहले ही कुछ नकाबपोश लोग हाथों में हथियार लेकर बस में चढ़े और बच्चे का किडनैप कर लिया।
छह अरेस्ट, एक पढ़ाता था बच्चों को ट्यूशन
एसपी सतना संतोष कुमार गौर ने बताया कि इस घटना में छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है। सभी इंजिनियरिंग के छात्र हैं। उन्होंने बताया कि आरोपियों में से पांच यूपी के और एक एमपी का रहने वाला है। जिस ट्रस्ट के स्कूल में बच्चे पढ़ते थे, उसी ट्रस्ट में आरोपी भी काम करते थे। एक आरोपी बच्चों को ट्यूशन पढ़ाता था। संदेह है कि उसी ने घटना की साजिश रची है।
रीवा के आईजी चंचल शेखर ने कहा कि इस मामले का मुख्य आरोपी पद्म शुक्ला है। अन्य आरोपी के नाम हैं- रामकेश, पिंटा यादव, राकेश द्विवेदी, आलोक सिंह और विक्रमजीत सिंह। हालांकि, आईजी ने साफ किया कि पद्म शुक्ला का छोटा भाई विष्णुकांत बजरंग दल का एरिया-कोऑर्डिनेटर है, लेकिन उसका इस केस में कोई रोल नहीं है। इस वारदात में कार और बाइक का इस्तेमाल किया गया। बाइक पर प्लेट नंबर की जगह राम राज्य लिखा था और कार में बीजेपी का झंडा लगा था।
बस के सीसीटीवी में कैद हुए थे किडनैपर्स
बस में लगे सीसीटीवी कैमरे में बदमाशों की करतूत कैद हो गई, हालांकि चेहरा ढके होने के कारण उनकी पहचान नहीं हो पाई थी। घटना के बाद पुलिस ने किडनैपर्स का सुराग देने के लिए 50 हजार रुपये इनाम की घोषणा भी की थी। कुछ लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में भी लिया गया था, लेकिन पुलिस असफल रही।
दोनों राज्यों की पुलिस फेल
हैरानी वाली बात यह है कि किडनैपर्स को पकडऩे के लिए यूपी और एमपी पुलिस ने 26 टीमें गठित की थीं, जिनमें लगभग 500 पुलिस कर्मी शामिल थे। इन टीमों में आईजी और एसपी भी थे। दोनों राज्यों की पुलिस बच्चों को अपहरणकर्ताओं से मुक्त कराने का प्रयास कर रही थी, लेकिन दोनों ही राज्यों की पुलिस को असफलता हाथ लगी।
बच्चों के साथ की गई क्रूरता
बच्चों के शव जिस हालत में नदी के के किनारे पाए गए वह दिल दहला देने वाले थे। उनके शरीर में कई चोटों के निशान थे। हाथ और पैर जंजीर से बंधे हुए थे। जंजीरों से बंधे होने के कारण बच्चों के कोमल शरीर पर घाव भी हो गए थे।
शिवराज और अखिलेश वारदात से स्तब्ध
इस घटना के बाद दोनों राज्यों के पूर्व मुख्यमंत्रियों ने मौजूदा सरकार पर हमला बोला है। यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने ट्वीट किया, आज बांदा में दो बच्चों की लाशें मिलीं। उनकी जानें गईं और एक परिवार का भविष्य उजड़ गया। सरकारों की जिम्मेदारी है कि हर नागरिक को सुरक्षित रखे और दु:ख है कि हाल यह है कि मां-बाप बच्चों को स्कूल भेजने से भी डरेंगे! देश की कानून-व्यवस्था अब इससे ज्यादा क्या बिगड़ेगी?
वहीं, मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, मैं दोनों बच्चों की मौत पर शोक व्यक्त करता हूं। यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। मुझे आशा है कि सरकार और प्रशासन इसे गंभीरता से लेगा। मैं इस घटना से हैरान हूं।
००

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Translate »