राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कोरवा-पण्डो सहित अन्य संरक्षित व जनजाति के लोगों को शासन द्वारा दी जा रही छूट व सुविधा का मामला उठा
रायपुर, 22 फरवरी (आरएनएस)। विधानसभा में शुक्रवार को राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र मानी जाने पहाड़ी कोरवा व पण्डो सहित बैगा, कमार, अबूझमारियां, बिरहोर व भूजिया आदि जाति के लोगों को सरकार द्वारा दी जा रही छूट व सुविधा का मामला उठा। जनता कांग्रेस छग के सदस्य धर्मजीत सिंह ने प्रश्रकाल में यह मामला उठाते हुए शासन द्वारा दी जा रही उन्हें सुविधाओं पर चिंता जतायी और कहा कि इन लोगों के गांव में अस्पताल, स्कूल, पानी, बिजली की समस्या बनी हुई है, वहीं 12वीं पास करने वाले बैगाओं को नौकरी भी नहीं दी जा रही है। इसके जवाब में स्कूल शिक्षा मंत्री डा. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने कहा कि जल्द से जल्द उनके गांव में व्याप्त समस्याओं के निराकरण व सुविधा व छूट का पूरा लाभ उन्हें मिले इसके लिए जिला कलेक्टरों व अधिकारियों को निर्देशित करेंगे।
स्कूल शिक्षा मंत्री ने बैगा के नौकरी में छूटको लेकर कहा कि प्रदेश के सभी जिलों के जिला स्तरीय स्थापना में तृतीय श्रेणी तथा चतुर्थ श्रेणी के पदों में अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित पदों में से 20 प्रतिशत तक पदों की पूर्ति विशेष रूप से कमजोर जनजाति समूह पहाड़ी कोरवा, बैगा, कमार, अबूझमारिया, बिरहोर, भुजिया तथा पण्डो जनजातियों से ंसंंबंधित आवेदकों के अंतर्गत विहित प्रक्रियाओं का अनुसरण किये बिना किये जाते है। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य के अधिसूचित क्षेत्रों में स्थित प्रारंभिक शालाओं में शिक्षक के रूप में नियुक्ति हेतु शिक्षक पात्रता परीक्षा टीईटी उत्तीर्ण करने से छूट दी गई है साथ ही अनिवार्य शैक्षणिक अर्हता परीक्षा में न्यूनतम 50 प्रतिशत अंक अभिप्राप्त करना आवश्यकता नहीं होगा परंतु उन्हें उनकी नियुक्ति के दिनांक से 5 वर्ष के भीतर नियुक्ति हेतु व्यवसायिक अर्हता जैसे डीएड अथवा बीएड जैसी भी आवश्यक हो अभिप्राप्त करनी होगी।