अब सुरक्षाबलों को मिलेगी हवाई जहाज से आने-जाने की सुविधा
नई दिल्ली ,21 फरवरी (आरएनएस)। केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों को पत्थरबाजों या पुलवामा जैसी आतंकी घटना से दूर रखने के लिए बड़ा फैसला करते हुए सुरक्षाकर्मियों को हवाई सुविधा देने की सुविधा को मंजूरी दी है।
गृह मंत्रालय के अनुसार पुलवामा आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार ने जवानों की सुरक्षा को मद्देनजर रखते हुए यह बड़ा ऐलान गुरुवार को किया है। केंद्रीय सशस्त्र अर्धसैनिक बलों के सभी जवानों की दिल्ली-श्रीनगर, श्रीनगर-दिल्ली, जम्मू-श्रीनगर और श्रीनगर-जम्मू क्षेत्रों में हवाई यात्रा की सुविधा की मंजूरी के इस निर्णय के तहत अब सुरक्षा बलों के जवानों को हवाई जहाज से आने-जाने की सुविधा मिलेगी। गृह मंत्रालय के जारी आदेश के मुताबिक तत्काल प्रभाव से अब बीएसएफ, असम राइफल्स, सीआरपीएफ, सीआईएसएफ, एसएसबी, एनएसजी और आईटीबीपी के जवानों को कश्मीर घाटी में तैनाती के लिए हवाई मार्ग से ही श्रीनगर ले जाया जाएगा। सैनिकों की सुरक्षा को देखते हुए अब सभी अर्धसैनिक बलों के जवान विमान से ही श्रीनगर जाएंगे। इस फैसले के मुताबिक अब हर जवान और हर अफसर को हवाई जहाज से ही जम्मू से श्रीनगर भेजा जाएगा।
गौरतलब है कि केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल, केंद्रीय गृह सचिव राजीव गौबा, इंटेलिजेंस ब्यूरो के निदेशक राजीव जैन के अलावा अन्य अधिकारियों के साथ एक बैठक करके जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की थी, जहां पिछले हफ्ते भीषण आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 से ज्यादा जवान शहीद हो गए थे। बैठक में जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों की धर-पकड़ के लिए उठाए जा रहे कदमों पर भी चर्चा हुई और सीमा पार से घुसपैठ को कैसे रोका जाए, इस पर भी विचार-विमर्श हुआ था।
अधिकारी ने बताया कि गृह मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया था कि सुनिश्चित करें कि कश्मीर घाटी में सक्रिय आतंकवादियों के खिलाफ हरसंभव कदम उठाए जाएं। उन्होंने देश के विभिन्न हिस्से में रह रहे निर्दोष कश्मीरियों की रक्षा के भी निर्देश दिए।
सेना की चेतावनी
सेना के श्रीनगर के चिनार कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल केजेएस ढिल्लों ने मंगलवार को कहा था कि जो भी बंदूक उठाएगा, वह मारा जाएगा। उन्होंने कश्मीर की माताओं से आग्रह किया कि वे अपने बच्चों को आत्मसमर्पण करने के लिए मनाएं। पुलवामा हमले के बाद सोमवार को जैश ए मोहम्मद के आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में मेजर सहित सेना के पांच जवान शहीद हो गए थे। इसमें आतंकवादी संगठन के दो शीर्ष कमांडर भी मारे गए थे।
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