डीईपीडब्ल्यूडी आज कोलकाता में डीडीआरएस पर करेगा क्षेत्रीय सम्मेलन

नईदिल्ली,17 फरवरी (आरएनएस)। दिव्यांगजनों के समग्र सशक्तीकरण के लिए भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय का दिव्यांगजन अधिकारिता विभाग (डीईपीडब्ल्यूडी) 18 फरवरी को कोलकाता में ‘दीनदयाल दिव्यांगजन पुनर्वास स्कीम (डीडीआरएस)Ó पर एक क्षेत्रीय सम्मेलन आयोजित करेगा। यह पूर्व एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र के 13 राज्यों नामत: पश्चिम बंगाल, झारखंड, ओडिशा, छत्तीसगढ़, बिहार, असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नगालैंड, सिक्किम एवं त्रिपुरा को कवर करेगा। इसमें हितधारकों अर्थात् डीडीआरएस के तहत अनुदान प्राप्त करने वाले गैर सरकारी संगठनों, राज्य सरकार के अधिकारियों और जिला स्तर अधिकारियों की भागीदारी होगी।
इस स्कीम के तहत प्रत्येक वर्ष 600 से अधिक एनजीओ को दिव्यांगजनों के पुनर्वास के लिए विशेष विद्यालय, पूर्व विद्यालय एवं आरंभिक उपाय, हाफवे होम्स एवं समुदाय आधारित पुनर्वास जैसी उनकी परियोजनाओं के परिचालन के लिए वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जाती है। वित्त पोषित एनजीओ प्रतिवर्ष 35000 से 4०० से अधिक लाभार्थियों को पुनर्वास संबंधी सेवाएं उपलब्ध कराते हैं। इसके अतिरिक्त, राज्य सरकार की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण होती है। एनजीओ को सहायता अनुदान जारी करने में जिला समाज कल्याण अधिकारी एवं राज्य सरकार की अनुशंसा महत्वपूर्ण होती है।
सम्मेलन का उद्देश्य संशोधित स्कीम के प्रावधानों को प्रसारित करना तथा विभिन्न हितधारकों को इसके बारे में संवेदनशील बनाना है। यह सम्मेलन सभी हितधारकों के बीच परस्पर संपर्क के लिए एक अनूठा अवसर भी उपलब्ध कराता है। यह सम्मेलन योजना स्कीम की प्रभावोत्पादकता के पहलुओं पर अंत: क्षेत्रीय विचारों का आदान-प्रदान एवं इसमें सुधार लाने की संभावनाएं सुनिश्चित करेगा।
दीनदयाल दिव्यांगजन पुनर्वास स्कीम को संशोधित किया गया है, जिससे कि इसे दिव्यांगजनों के पुनर्वास के लिए और अधिक प्रभावी बनाया जा सके। जिन मॉडल परियोजनाओं को इष्टतम बनाया गया है उनकी सूची में-पूर्व-विद्यालय, आरंभिक उपाय एवं प्रशिक्षण: बौद्धिक रूप से दिव्यांगजनों के लिए विशेष विद्यालय, सुनने एवं बोलने संबंधी विक्लांगता; दृश्य विकलांगता; प्रमस्तिष्क प्रक्षाघात से पीडि़त बच्चों के लिए परियोजनाएं; कुष्ठ रोग उपचारित व्यक्तियों के पुनर्वास; मानसिक रूप से बीमार व्यक्तियों का उपचारित एवं नियंत्रित मनोवैज्ञानिक-सामाजिक पुनर्वास के लिए हाफवे होम; घर आधारित पुनर्वास तथा गृह प्रबंधन; समुदाय आधारित पुनर्वास कार्यक्रम (सीबीआर); निम्न दृष्टि केंद्र एवं मानव संसाधन विकास शामिल हैं।
सचिव (डीईपीडब्ल्यूडी) श्रीमती शकुंतला डोले, गेमलीन, सम्मेलन की मुख्य अतिथि होंगी। वह दिव्यांगजनों के अधिकारिता मिशन में साझेदार डीडीआरएस के एनजीओ को संबोधित करेंगी तथा एक ऐसे समावेशी समाज के सृजन की आवश्यकता को रेखांकित करेंगी, जो बिना किसी भेदभाव के दिव्यांगजनों को स्वीकार करता है तथा उनका सम्मान करता है। वह सम्मेलन में उपस्थित व्यक्तियों को प्रोत्साहित करेंगी कि वे इस क्षेत्र में कर रहे अपने सराहनीय कार्य को जारी रखें।
डीईपीडब्ल्यूडी के संयुक्त सचिव डॉ. प्रबोध सेठ सम्मेलन में अपने मुख्य संबोधन में स्कीम के बारे में विस्तृत जानकारी देंगे। निर्देशक विकाश प्रसाद स्वागत भाषण देंगे, जो संशोधित स्कीम के प्रावधानों एवं किस प्रकार स्कीम को प्रभावी ढंग से कार्यान्वित किया जाए, को रेखांकित करते हुए प्रस्तुति देंगे। एक अंत: संवादमूलक प्रश्नोत्तरी सत्र भी इसका एक हिस्सा होगा, जिसमें प्रतिभागियों के प्रश्नों का उत्तर दिया जाएगा। कुछ ऐसे संगठन भी, जो डीडीआरएस के तहत वित्तीय सहायता प्राप्त कर रहे हैं, प्रस्तुति के माध्यम से अपने विचार साझा करेंगे।
इस सम्मेलन का दिव्यांगजनों के कल्याण के लिए दीनदायाल दिव्यांग पुनर्वास स्कीम के कार्यान्वयन पर गहरा प्रभाव पड़ेगा। यह संशोधित स्कीम में लाए गए बदलावों के बारे में एनजीओ को संवेदी बनाएगा तथा प्रमुख हितधारकों नामत: राज्य सरकार एवं जिला स्तर अधिकारियों तथा एनजीओ के बीच इस स्कीम को और लोकप्रिय बनाने के लिए जागरूकता सृजित करेगा और इस प्रकार दिव्यांगजनों के कल्याण को बढ़ावा देगा। (साभार-पीआईबी)
००

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Translate »