राष्ट्रपति सांस्कृतिक सद्भाव हेतु 18 फरवरी को टैगोर पुरस्कार देंगे

नईदिल्ली ,15 फरवरी (आरएनएस)। राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द नई दिल्ली के प्रवासी भारतीय केन्द्र में 18 फरवरी, 2019 को राजकुमार सिंघाजीत सिंह, छायानॉत (बांग्लादेश की सांस्कृतिक संगठन) और राम सुतार वांजी को क्रमश: 2014, 2015 और 2016 के लिए सांस्कृतिक सद्भाव टैगोर पुरस्कार प्रदान करेंगे।
सांस्कृतिक सद्भाव के लिए टैगोर पुरस्कार की शुरूआत भारत सरकार ने मानवता के प्रति गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर के योगदान की पहचान करते हुए 2012 में उनकी 150वीं जयंती के अवसर पर सांस्कृतिक सद्भाव के मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए की थी। यह पुरस्कार वर्ष में एक बार दी जाती है जिसके तहत एक करोड़ रुपये नकद (विदेशी मुद्रा में विनिमय योग्य), एक प्रशस्ति पत्र, धातु की मूर्ति और एक उत्कृष्ट पारम्परिक हस्तशिल्प/हस्तकरघा वस्तु दी जाती है।
यह पुरस्कार दो व्यक्तियों/संस्थानों को संयुक्त रूप से भी दिया जा सकता है यदि निर्णायक समिति यह पाती है कि उस वर्ष के लिए दोनों व्यक्तियों/संस्थानों का योगदान एक समान है।
निर्णायक मंडल के पदेन अध्यक्ष प्रधानमंत्री ने एन. गोपालस्वामी और डॉ. विनय सहस्रबुद्धे (दोनों राज्यसभा सांसद) और भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद के अध्यक्ष को अगले तीन साल की अवधि के लिए (16/07/2018 से 15/07/2021 तक) सांस्कृतिक सद्भाव के लिए टैगोर पुरस्कार के निर्णायक मंडल में बतौर सदस्य नामांकित किया है।
यह वार्षिक पुरस्कार सांस्कृतिक सद्भाव के मूल्यों के बढ़ावा देने के लिए असाधारण योगदान के लिए किसी व्यक्ति, संघ, संस्थान या संगठन को दिया जाता है। यह पुरस्कार राष्ट्रीयता, भाषा, जाति और लिंग के आधार पर भेदभाव किए बिना दिया जाता है। आमतौर पर नामांकन शुरू होने के दस साल पहले के दौरान किए गए योगदान पर विचार किया जाता है। पुराने योगदानों का महत्व यदि हाल में दृष्टिगोचर होता है तब ऐसी स्थिति में उन पर भी विचार किया जाता है।
भारत सरकार का संस्कृति मंत्रालय टैगोर पुरस्कार के लिए प्रक्रिया संहिता के अध्याय 4 के पैरा 1 के प्रावधानों के तहत विभिन्न लोगों/संगठनों से आवेदन मांगाता है।
पहला टैगोर पुरस्कार 2012 में सितार वादक पंडित रविशंकर प्रसाद को प्रदान किया गया था और दूसरा पुरस्कार 2013 में जूबिन मेहता को दिया गया था।(साभार-पीआईबी)
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