सरकार ने जलवायु परिवर्तन से निपटने अनेक पहलों के बारे में वृहद प्रकाशन जारी किया

नईदिल्ली ,12 फरवरी (आरएनएस)। केन्द्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने आज भारत में जलवायु क्रियाओं के बारे में ‘Óभारत – जलवायु समाधानों का नेतृत्व कर रहा हैÓÓ नामक प्रकाशन जारी किया। इस प्रकाशन में जलवायु परिवर्तन से निपटने और अनुकूलनता के लिए विभिन्न क्षेत्रों के तहत भारत द्वारा की गई प्रमुख कार्रवाइयों का उल्लेख किया गया है। इस प्रकाशन को जारी करते हुए केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि भारत दुनिया में घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जलवायु परिवर्तन के विविध पहलुओं पर कार्य करने वाला दुनिया का एक सक्रिय देश बन गया है।
इस प्रकाशन के जारी किये जाने के बारे में खुशी जाहिर करते हुए डॉ. हर्ष वर्धन ने कहा कि इस प्रकाशन में न केवल जलवायु कार्रवाई के बारे में हमारी उपलब्धियों को उजागर किया गया है बल्कि भविष्य के लिए हमारी तैयारी का भी उल्लेख किया गया है। इस प्रकाशन में जिन पहलों का उल्लेख है वें सतत विकास प्राथमिकताओं के साथ अच्छा संतुलन कायम करते हुए जलवायु परिवर्तन की चिंताओं का समाधान करने की दिशा में हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं।
हर्ष वर्धन ने कहा कि हम सब यह जानते हैं कि जलवायु परिवर्तन आज एक वैश्विक समस्या बन गया है और पूरी दुनिया में लगातार हो रहे जलवायु परिवर्तन ने हमारे पर्यावरण और समाज के सामने गंभीर चुनौती पैदा कर दी है। आज जलवायु परिवर्तन के बारे में निराश या भयभीत होना तो आसान है लेकिन मेरा हमेशा यह विश्वास रहा है कि हर समस्या का समाधान होता है बस हमें केवल उसे खोजने की जरूरत है। पिछले 4 वर्षों के दौरान राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर शुरू की गई अनेक स्वच्छ और हरित विकास पहलों ने जलवायु परिवर्तन से निपटने और अनुकूलनता के बारे में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
ई – मोबिलिटी, हरित ढुलाई, नवीकरणीय ऊर्जा, अपशिष्ट प्रबंधन, वनीकरण और जल आदि विभिन्न क्षेत्रों में अनेक नई नीतियां और पहल शुरू की गई हैं ताकि जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम से कम किया जा सके। अभी हाल में भारत सरकार ने जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने के लिए अनेक पहल शुरू की हैं। भारत सरकार की कुछ प्रमुख पहलों में जलवायु परिवर्तन पर राष्ट्रीय कार्य योजना (एनएपीसीसी), जलवायु परिवर्तन पर राष्ट्रीय अनुकूलनता निधि (एनएएफसीसी), जलवायु परिवर्तन कार्य योजना (सीसीएटी) और जलवायु परिवर्तन पर राज्य कार्य योजना (एसएपीसीसी) शामिल हैं।
वर्ष 2022 तक 175 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा का उत्पादन करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य, स्मार्ट शहरों, विद्युत वाहनों, ऊर्जा दक्षता, पहलों तथा अप्रैल 2022 तक भारत स्टैज -4 से भारत स्टेज – 5 उत्सर्जन मानदंडों को लागू करने जैसे कार्यों को सक्रियता पूर्वक शुरू किया गया है ताकि जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम से कम किया जा सके। आज भारत की नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता 74 गीगावाट से अधिक है जिसमें 25 गीगावाट सौर ऊर्जा भी शामिल है। भारत का वन और वृक्ष क्षेत्र 2015 के आकलन की तुलना में 1 प्रतिशत बढ़ा है। एलईडी वितरण के लिए उज्ज्वला जैसी योजना ने 320 मिलियन की संख्या को पार कर लिया है जबकि गरीबी रेखा से नीचे रहने वाली महिलाओं के लिए 63 मिलियन से भी अधिक परिवारों को स्वच्छ कुकिंग चूल्हों का वितरण कर दिया गया है। दूसरी द्विवार्षिक अद्यतन रिपोर्ट में ये तथ्य दर्शाया गया है कि भारत के सकल घरेलू उत्पादन की उत्सर्जन तीव्रत 2005 से 2014 के बीच घटकर 21 प्रतिशत कम हो गई है।
इस प्रकाशन में शामिल की गई कुछ प्रमख पहले इस प्रकार हैं – जलवायु परिवर्तन पर भारत की राष्ट्रीय कार्य योजना (एनएपीसीसी), अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए), जलवायु परिवर्तन पर राज्य कार्य योजना (एसएपीसीसी), ई-मोबिलिटी के लिए फेम योजना, स्मार्ट शहरों के लिए – कायाकल्प और शहरी परिवर्तन हेतु अटल मिशन (अमृत), प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना – स्वच्छ कुकिंग ईंधन के लिए पहुंच, उज्ज्वला योजना और स्वच्छ भारत मिशन।
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