राज्यसभा में जारी रहा गतिरोध: हंगामे में दो बिल पेश

नई दिल्ली ,12 फरवरी (आरएनएस)। राज्यसभा में जारी सरकार और विपक्ष के गतिरोध के कारण किसी तरह मंगलवार को चलाए गये शून्यकाल भी पूरा नहीं हो पाया कि विभिन्न मुद्दों को लेकर विपक्ष के हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही दो बार के स्थगन के बाद पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई। दोपहर बाद हालांकि हंगामे के बीच ही दो विधेयक भी पेश किये गये, लेकिन राष्ट्रपति अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा को आगे नहीं बढ़ाया जा सका।
उच्च सदन की मंगलवार सुबह शुरू हुई कार्यवाही के दौरान सभापति वेंकैया नायडू ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए और सदन के साथ इस बात पर सहमति बनाई गई कि संसद के वर्तमान सत्र के शेष बचे दो दिनों में राष्ट्रपति अभिभाषण पर चर्चा कर धन्यवाद प्रस्ताव पारित किया जाए एवं 2019-20 के लिए अंतरिम बजट पर चर्चा कर उसे मंजूरी देने के बाद लोकसभा को लौटा दिया जाए। सदन में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि राष्ट्रपति अभिभाषण पर चर्चा कर धन्यवाद प्रस्ताव पारित करना एवं अंतरिम बजट पर चर्चा कर उसे मंजूरी देने के बाद लोकसभा को लौटाया जाना सत्ता पक्ष और विपक्ष की संवैधानिक जिम्मेदारी है जिसे पूरा किया जाना चाहिए। आजाद ने सुझाव दिया कि आज राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा कर धन्यवाद प्रस्ताव पारित कर दिया जाए। कल 2019-20 के लिए अंतरिम बजट पर चर्चा कर उसे मंजूरी दी जा सकती है। संसदीय कार्य राज्य मंत्री विजय गोयल ने कहा कि सरकार इस सुझाव से सहमत है। उन्होंने कहा कि छह विधेयक भी पारित करने के लिए सूचीबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि इन विधेयकों को पारित करने के लिए, अगर सदस्यों की सहमति हो तो बैठक को एक-दो दिन के लिए आगे बढ़ाया जा सकता है। इससे पहले सभापति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि कुछ सदस्यों ने अपने अपने विषय उठाने के लिए नियम 267 के तहत उन्हें नोटिस दिए हैं जिन्हें उन्होंने अस्वीकार कर दिया है।
शून्यकाल में उठे महत्वपूर्ण मामले
उच्च सदन में मंगलवार को सभापति एम वेंकैया नायडू की अनुमति से सदस्यों ने शून्यकाल के तहत अपने अपने मुद्दे उठाने शुरू किये। इस दौरान मनेानीत सदस्य राकेश सिन्हा ने दिल्ली विश्वविद्यालय के सेवानिवृत्त कुछ शिक्षकों को पेन्शन नहीं मिलने का मुद्दा उठाया, लेकिन 1 बजकर करीब 40 मिनट पर सपा नेता रामगोपाल यादव ने अचानक यूपी में अखिलेश को कुंभ में जाने से रोके जाने का मुद्दा उठाने का प्रयास किया। सभापति ने मुद्दा उठाने की मांग को राज्य का विषय बताकर अस्वीकार करते हुए कहा कि क्या आप इसी तरह सदन को चलाना चाहते हैं? इसी बीच हंगामा करते सपा सदस्य आसन के करीब आ गए और सदन की कार्यवाही को दो बजे तक स्थगित कर दिया गया।
राज्यसभा की दो बजे फिर शुरू हुई कार्यवाही के दौरान सपा, बसपा, तृणमूल कांग्रेस और राजद के सदस्य नारेबाजी करते हुए आसन के समक्ष आ गए। हंगामे के बीच ही उपसभापति हरिवंश की अनुमति से वित्त राज्यमंत्री शिवप्रताप शुक्ल ने अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवाएं केन्द्र प्राधिकरण विधेयक 2019 विधेयक पेश किया। इसके बाद सूचना प्रसारण मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने चलचित्र (संशोधन) विधेयक पेश किया। उधर सपा के रामगोपाल यादव ने वहीं मुद्दा उठाने का प्रयास किया। उपसभापति ने राष्ट्रपति अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा को आगे बढ़ाने को कहा लेकिन सदन में हंगामे को देख सदन की कार्यवाही 30 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई। दो बार के स्थगन के बाद बैठक फिर शुरू होने पर सदन में वही नजारा देखने को मिला, तो राज्यसभा की कायवाहीं को दोपहर दो बजकर करीब 40 मिनट पर पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया।
कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने की मांग
राज्यसभा में मंगलवार को जदयू की एक सदस्य ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत कर्पूरी ठाकुर को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किए जाने की मांग की। शून्यकाल के दौरान जदयू की परवीन कहकशां ने यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि देश की आजादी के लिए हुए आंदोलन में हिस्सा लेने से लेकर समाज के गरीब, पिछड़े, दलित और वंचित वर्गों के उत्थान के लिए काम करने वाले कर्पूरी ठाकुर ने सादगी, त्याग और मानव सेवा के अप्रतिम मानक स्थापित किए। उन्होंने मांग की कि देश और समाज के विकास में कर्पूरी ठाकुर के योगदान को देखते हुए सरकार को उन्हें देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया जाना चाहिए। विभिन्न दलों के सदस्यों ने उनकी इस मांग से स्वयं को संबद्ध किया।
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