आरक्षण की रोस्टर प्रणाली पर विधेयक लाने को तैयार सरकार

नई दिल्ली ,08 फरवरी (आरएनएस)। संसद के बजट सत्र के दौरान कांग्रेस समेत सभी विपक्षी सदस्यों ने राफेल विमान सौदे को लेकर राज्यसभा में शुक्रवार को भारी शोर-शराबे के साथ किया, जिससे कारण सदन की कार्यवाही दिनभर के लिये स्थगित कर दी गई। वहीं सपा-बसपा की मांग पर सरकार ने सदन में उच्च शिक्षण संस्थाओं में नियुक्तियों में आरक्षण संबंधी रोस्टर प्रणाली से अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़े वर्ग के आरक्षण को प्रभावित होने से बचाने के लिये अध्यादेश या विधेयक लाने के निर्णय की भी जानकारी दी।
उच्च सदन राज्यसभा में विपक्ष के लगतार हंगामे के कारण सातवें दिन भी सदन की कार्यवाही नहीं चल सकी और कार्यवाही शुरू होने के कुछ देर बाद ही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई। बावजूद इसके कि सदन में सरकार ने उच्च शिक्षण संस्थाओं में नियुक्तियों में आरक्षण संबंधी रोस्टर प्रणाली से अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़े वर्ग के आरक्षण को प्रभावित होने से बचाने के लिये अध्यादेश या विधेयक लाने के निर्णय की भी जानकारी दी।
राज्यसभा में शुक्रवार को सपा-बसपा व अन्य विपक्षी दलों की मांग पर कार्यवाही शुरू होने पर हुए हंगामे के दौरान केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा है कि उच्च शिक्षण संस्थाओं में नियुक्तियों में आरक्षण संबंधी रोस्टर प्रणाली से अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़े वर्ग के आरक्षण को प्रभावित होने से बचाने के लिये अध्यादेश या विधेयक लाने का सरकार ने फैसला किया है। गौरतलब है कि राज्यसभा में इस मुद्दे पर सपा, बसपा एवं अन्य विपक्षी दलों के हंगामे के कारण पिछले तीन दिनों से जारी गतिरोध पर सरकार की स्थिति स्पष्ट करते हुये जावड़ेकर ने शुक्रवार को कहा कि आरक्षण संबंधी रोस्टर प्रणाली पर उच्चतम न्यायालय में सरकार पुनर्विचार याचिका दायर करेगी। उन्होंने कहा कि अदालत में यह याचिका खारिज होने की स्थिति में सरकार ने अध्यादेश या विधेयक लाने का फैसला किया है। सपा, बसपा, आप और राजद के सदस्य उच्च शिक्षण संस्थाओं में नियुक्तियों में आरक्षण संबंधी 13 सूत्री रोस्टर के बजाय 200 सूत्री रोस्टर को वापस लेने के लिये अध्यादेश या विधेयक लाने की मांग कर रहे हैं। इनकी दलील है कि रोस्टर प्रणाली से अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़े वर्गों का आरक्षण प्रभावित होगा।
जावडेकर ने बृहस्पतिवार को भी राज्यसभा में कहा था कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले पर लागू की गयी 200 सूत्री रोस्टर प्रणाली के खिलाफ केन्द्र सरकार द्वारा उच्चतम न्यायालय में दायर विशेष अनुमति याचिका खारिज करने के बाद सरकार अब पुनर्विचार याचिका दायर करेगी। विपक्ष ने सरकार पर अदालत में लचर पक्ष पेश करने का आरोप लगाते हुये केन्द्र से इस मामले में अध्यादेश लाने की मांग की है। जावड़ेकर ने कहा कि सरकार हमेशा सामाजिक न्याय के पक्ष में है, पुनर्विचार याचिका खारिज होने की स्थिति में हम अध्यादेश या विधेयक लाने का फैसला किया है। जावड़ेकर ने इस मामले में न्यायिक प्रक्रिया पूरा होने तक उच्च शिक्षण संस्थाओं में नियुक्ति या भर्ती प्रक्रिया बंद रहने का भी भरोसा दिलाया। इस बीच सरकार द्वारा उच्चतम न्यायालय में विशेष अनुमति याचिका पर लचर तरीके से अपना पक्ष रखने के विपक्ष के आरोप के जवाब में जावड़ेकर ने अदालत में बहस के दस्तावेज को सदन पटल पर पेश किया। उन्होंने बताया कि रोस्टर प्रणाली को समग्र संस्थान के बजाय विभागीय आधार पर लागू करने से विभिन्न वर्गों के आरक्षण पर पडऩे वाले नकारात्मक प्रभाव का सरकार ने अध्ययन कराया है। जावड़ेकर ने बताया कि हमने नया अध्ययन किया है जिसमें लगभग 30 विश्वविद्यालयों की मौजूदा व्यवस्था का विश्लेषण कर यह जानने का प्रयास किया है कि विभागवार रोस्टर प्रणाली लागू करने पर अनुसूचित जाति एवं जनजातियों को किस प्रकार से नुकसान होगा।
नायडू ने की कार्यवाही सुचारु बनाने की अपील
कांग्रेस समेत सभी विपक्षी सदस्यों ने राफेल विमान सौदे को लेकर राज्यसभा में शुक्रवार को भारी शोर-शराबे के साथ किया, जिससे कारण सदन की कार्यवाही दिनभर के लिये स्थगित कर दी गई। इसके अलावा नायडू ने सभी सदस्यों से सदन की कार्यवाही सुचारु बनाने की अपील करते हुये कहा कि बजट सत्र में पहले ही काफी समय नष्ट हो चुका है। उन्होंने इस सत्र में शेष बचे सिर्फ तीन दिनों का सदुपयोग करने का सुझाव दिया और कहा कि राफेल मामले से जुड़े नोटिस पर अभी चर्चा करने के बाद राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान संबद्ध मंत्री से जवाब की मांग की जा सकती है।
राज्यसभा में कथित पोस्टर की होगी जांच
राज्यसभा में शुक्रवार को प्रधानमंत्री के बारे में अपमानजनक पोस्टर के कथित वितरण को सभापति ने नियम विरुद्ध बताते हुये घटना की जांच कराने का आदेश दिया है। सदन में शून्यकाल शुरु होने पर कुछ सदस्यों ने सभापति को कुछ पोस्टर वितरित किये जाने की जानकारी दी। सदस्यों ने बताया कि उनके स्थान पर रखे इस पोस्टर में प्रधानमंत्री के खिलाफ नारे लिखे है। नायडू ने पूछा कि सदन में कोई व्यक्ति पोस्टर कैसे बांट सकता है। उन्होंने इसे निहायत गलत बताते हुये राज्यसभा के महासचिव को इस घटना की जांच कराने का आदेश दिया। उल्लेखनीय है कि उच्च शिक्षण संस्थाओं में आरक्षण और राफेल सहित अन्य मुद्दों पर राज्यसभा में विपक्षी दलों के लगातार हंगामे के कारण बजट सत्र के दौरान उच्च सदन की बैठक लगातार बाधित है।
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